लखीमपुर खीरी हिंसा पर एसआईटी रिपोर्ट के मामले में लोकसभा में नहीं बोलने देने के राहुल गांधी के आरोप पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि लखीमपुर खीरी मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर, और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है।
पीयूष गोयल ने दिया राहुल को जवाब
राहुल गांधी के स्थगन प्रस्ताव के नोटिस और सदन में नहीं बोलने देने के आरोप पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है और न्यायालय के अंतर्गत विचाराधीन मामले पर सदन में चर्चा नहीं होती है।
विपक्ष पर लगे सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चलने देने के आरोप
उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से नहीं चलने देने का आरोप विपक्षी दलों पर लगाते हुए कहा कि सदन की गरिमा एवं सुरक्षाकर्मियों की इज्जत और गरिमा को बचाने के लिए निलंबित 12 सांसदों को अपने व्यवहार के लिए प्रायश्चित जता कर माफी मांगनी चाहिए और उसके बाद सदन में आकर कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए।
पीयूष गोयल ने विपक्ष को बताया मुद्दाविहीन
विपक्ष को मुद्दाविहीन बताते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि आज लोक सभा में महंगाई और राज्य सभा में ओमीक्रॉन के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा होनी थी लेकिन विरोधी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं है। उनके पास सरकार की आलोचना करने के लिए और जनता की समस्या उठाने के लिए कोई विषय ही नहीं है, कोई इच्छा नहीं है।
जानें राहुल ने केंद्र पर क्या लगाए आरोप
राहुल ने कहा, वे हमें बोलने नहीं दे रहे हैं इसलिए सदन को बाधित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, रिपोर्ट आ गई है और उनके मंत्री शामिल हैं, इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस सांसदों ने बुधवार को लोकसभा में लखीमपुर खीरी की घटना पर चर्चा के लिए कई स्थगन नोटिस दिए और एसआईटी की रिपोर्ट के बाद हिंसा को 'पूर्व नियोजित' करार देते हुए राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग की।