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कुलभूषण जाधव मामले में ICJ के फैसले की पकिस्तान PM इमरान ने की सराहना

आईसीजे ने पाकिस्तान की जेल में कैद कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर बुधवार को रोक लगाते हुए पाकिस्तान को इस फैसले पर पुनर्विचार करने और इसकी प्रभावी समीक्षा करने का निर्देश दिया।

भारत ने कुलभूषण जाधव पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) के फैसले का स्वागत करते हुए इसे भारत की बड़ी जीत बताया है। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्विट कर आईसीजे के फैसले का स्वागत किया है, तो पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस फैसले को पाकिस्तान की जीत बताया है।
इमरान खान ने कहा, ‘हम कमांडर कुलभूषण जाधव को बरी और रिहा नहीं करने व भारत वापस नहीं भेजने के आईसीजे के फैसले की सराहना करते हैं। वो पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ किए गए अपराध के लिए दोषी हैं। पाकिस्तान मामले में कानून के मुताबिक आगे बढ़ेगा’।

पाक विदेश मंत्री कुरैशी ने कुलभूषण जाधव पर आए फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आईसीजे ने कुलभूषण जाधव की रिहाई से संबंधित भारत की याचिका खारिज कर दिया है और कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की सजा को वियना समझौते के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन नहीं माना। 

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कुरैशी ने ट्वीट कर दावा किया कि आईसीजे ने भारत की इस संबंध में अपील को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कुलभूषण पाकिस्तान में रहेंगे और उन्होंने पाकिस्तानी कानूनों का सामना करना पड़गा। विदेशी कार्यालय ने कहा कि आईसीजे ने पाकिस्तानी हिरासत से रिहा करने के भारत के अग्रह को नामंजूर कर दिया है और कहा कि पाकिस्तान के कानून के अनुसार मामले को आगे बढ़एगा। 

उन्होंने उस बयान को दोहराया कि कुलभूषण एक सेवारत भारतीय नौसेना अधिकारी हैं। उसने फर्जी पहचान और दस्तावेजों के साथ हुसैन मुबारक पटेल के नाम से पाकिस्तान में प्रवेश किया था। उन्होंने कहा कि कुलभूषण को भारत सरकार द्वारा पासपोर्ट जारी किया गया था और वह जासूसी में शामिल था। 

न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने उन्होंने इसे स्वीकार किया था। जिसमें कहा गया था कि वह भारत सरकार के निर्देशों पर पाकिस्तान में की गई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे जिसमें कई पाकिस्तानियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का रुख किया था। 
कोर्ट ने कुलभूषण के मामले में योज्ञता के आधार पर भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण को वकील की सुविधा उपलब्ध न कराकर अनुच्छेद 36 (1) का उल्लंघन किया है और फांसी की सजा पर तब तक रोक लगी रहनी चाहिए जब तक कि पाकिस्तान अपने फैसले पर पुनर्विचार और उसकी प्रभावी समीक्षा नहीं कर लेता। 
जिसके बाद 18 मई 2017 को आईसीजे ने पाकिस्तान को आदेश दिया कि कार्यवाही में अंतिम फैसला होने तक कुलभूषण जाधव की फांसी को रोक दिया जाए। आईसीजे ने पाकिस्तान की जेल में कैद कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर बुधवार को रोक लगाते हुए पाकिस्तान को इस फैसले पर पुनर्विचार करने और इसकी प्रभावी समीक्षा करने का निर्देश दिया। 
कोर्ट के बुधवार के फैसले को भारत अपनी बड़ी जीत मानता है हालांकि कोर्ट ने पाकिस्तान की सैन्य कोर्ट के फैसले को रद्द करने और कुलभूषण की सुरक्षित भारत वापसी की मांग को खारिज कर दिया है।

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