प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में गुरुवार को 41 कोयला खदानों की नीलामी को लॉन्च किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत कोरोना संकट को एक अवसर में बदल देगा। उन्होंने कहा, भारत आयात पर अपनी निर्भरता घटाने जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा। आपदा कितनी ही बड़ी क्यों न हो, भारत उसे अवसर में बदलने के लिए कृत-संकल्पित है। भारत इस बड़ी आपदा को अवसर में बदलेगा। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया है।
उन्होंने कहा, आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा। भारत आयात पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा और देश के गरीबों के कल्याण में लगाएगा। मैं आपको विश्वास के साथ यह कहता हूं कि हम आज जो आयात करते हैं उसके सबसे बड़े निर्यातकों में बदल जाएंगे।
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इसे प्राप्त करने के लिए हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर क्षेत्र. उत्पाद और सेवा को रखना चाहिए और समग्र रूप से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए आज एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। यह कार्यक्रम सिर्फ कोयला खदान क्षेत्र से संबंधित सुधारों के कार्यान्वयन के बारे में नहीं है, यह 130 करोड़ आकांक्षाओं को साकार करने की प्रतिबद्धता भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमने 2030 तक लगभग 100 मिलियन टन कोयले के गैसीकरण का लक्ष्य रखा है। मुझे बताया गया है कि इसके लिए 4 परियोजनाओं की पहचान की गई है और लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह नीलामी आज एक ऐसे समय में हो रही है जब भारत में व्यावसायिक गतिविधि तेजी से सामान्य हो रही है।
खपत और मांग तेजी से पूर्व-सीओवीआईडी स्तर पर पहुंच रही है। ऐसी स्थिति में नई शुरुआत के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, 130 करोड़ भारतवासियों का संकल्प है कि हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना ही है। स्वयं निर्भर भारत का यात्रा 130 करोड़ भारतीयों ने शुरु की है, उसमें आप सभी उसके बहुत बड़े भागीदार हैं।
कोयला क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए बंद रखने की पुरानी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जितना कोयला भंडार हमारे पास है, उस हिसाब से हमें दुनिया का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होना चाहिए। सरकार ने प्रतिस्पर्धा, पूंजी और प्रौद्योगिकी लाने के लिए कोयला एवं खनन क्षेत्र को खोलने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है।
वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए जिस नीलामी की आज शुरुआत हो रही है, वह हर हितधारक के लिए लाभ की स्थिति है। इससे उद्योग को, आपको, आपके कारोबार को नए संसाधन मिलेंगे। राज्यों को अधिक राजस्व मिलेगा, रोजगार बढ़ेगा।