प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वीरता एवं पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी।’’
मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी। pic.twitter.com/LMy2Mlpkol
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2020
मोदी ने ट्वीट के साथ रविवार को प्रसारित अपने ‘मन की बात’ संबोधन की एक क्लिप भी साझा की, जिसमें उन्होंने सिंह को श्रद्धांजलि दी थी। भगत सिंह का जन्म आज ही के दिन 1907 में हुआ था। बेहद कम उम्र से ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाने, साम्राज्य को निशाना बनाने के उनके क्रांतिकारी कदमों और महज 23 वर्ष की उम्र में फांसी दिए जाने से, वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के उल्लेखनीय नायकों में से एक बन गए।
बता दें कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने रविवार को कहा था कि 28 सितंबर को हम शहीद वीर भगत सिंह की जयंती मनाएंगे। क्या आप कल्पना कर सकते हैं, एक हुकूमत, जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से पर शासन था, इसके बार में कहा जाता था कि उनके शासन में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। इतनी ताकतवर हुकूमत, एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने भगत सिंह के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि 1919 का साल था। अंग्रेजी हुकूमत ने जलियांवाला बाग में कत्लेआम किया था। इस नरसंहार के बाद एक 12 साल का लड़का उस घटनास्थल पर गया। वह स्तब्ध था, यह सोचकर कि कोई भी इतना निर्दयी कैसे हो सकता है? वह मासूम गुस्से की आग में जलने लगा था। उसी जलियांवाला बाग में उसने अंग्रेजी शासन के खिलाफ लड़ने की कसम खाई। वह मासूम कोई और नहीं शहीद वीर भगत सिंह थे।