देश में कोरोना वायरस का कहर बरकरार है। महामारी की दूसरी लहर की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून में ब्रिटेन में होने वाली G-7 समिट में शामिल होने के लिए नहीं जाएंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना की वजह से प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन में होने वाली समिट में हिस्सा न लेने का फैसला लिया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार “ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री को विशेष तौर पर आमंत्रित किया था, हम उसकी सराहना करते हैं। लेकिन कोरोना के हालातों की वजह से ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी G-7 समिट में शामिल नहीं होंगे।” बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जी7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था।
जॉनसन ने 11 से 13 जून के बीच कॉर्नवॉल तटीय क्षेत्र में होने वाले उच्चस्तरीय शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता ब्रिटेन करेगा। जॉनसन ने पिछले साल फोन करके मोदी को न्योता दिया था। तब भारत को दक्षिण कोरिया तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ इस सम्मेलन का अतिथि देश चुना गया था।
जी7 समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका हैं। ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने कहा कि ‘दुनिया की फार्मेसी’ के तौर पर भारत पहले ही दुनिया भर के 50 प्रतिशत से अधिक टीकों की आपूर्ति करता है और ब्रिटेन तथा भारत ने महामारी के दौरान मिलकर काम किया है। विदेश कार्यालय के अनुसार भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को निमंत्रण बहुपक्षीय संस्थाओं में आज की दुनिया का बेहतर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
ब्रिटेन की सरकार की आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्थायी सीट की वकालत करने वाला ब्रिटेन पी5 देशों का पहला सदस्य था। वह 2005 में जी7 शिखर-सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करने वाला जी7 समूह का पहला सदस्य था। ब्रिक्स का मौजूदा अध्यक्ष और 2023 में जी20 का अध्यक्ष बनने जा रहा भारत दुनियाभर में बेहतरी के लिए बहुपक्षीय सहयोग में प्रमुख भूमिका निभाएगा।’’