दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सोमवार को 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर से जुड़े एक मामले में इंडियन मुजाहिदीन के एक आतंकवादी आरिज खान को दोषी ठहराया है। इस घटना को लेकर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश की सुरक्षा और आतंकवाद की लड़ाई के मामले में कांग्रेस और विपक्ष की पार्टियां आतंकियों के पक्ष में खड़ी हुई और दिल्ली में हुई भीषण आतंकी हमले में पुलिस की हिम्मत को तोड़ने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि 2008 को दिल्ली में सिलसिलेवार धमाके हुए थे। जिसमें 39 लोग मारे गए और 159 लोग घायल हुए थे। बाटला हाउस में पुलिस कार्रवाई में 2 आतंकी मारे गए थे और 1 पुलिस इंस्पेक्टर शहीद हो गए थे। कोर्ट ने कल के फैसले में आरिज खान को दोषी माना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तब दिल्ली पुलिस के कई लोगों ने हमें परोक्ष संपर्क किया कि हमें बचाइए, हमें ही हमलावर बताने की मुहिम चल पड़ी है। ऐसे में हम देश की सुरक्षा के लिए क्या करें। इस घटना को एक प्रकार से संदेह में डालने की कोशिश की गई थी। ये वोटबैंक की राजनीति के लिए किया जा रहा था।
उन्होंने आगे कहा कि बाटला हाउस कांड को समाजवादी पार्टी, बीएसपी, कांग्रेस पार्टी, लेफ्ट पार्टी, ममता जी ने नेशनल इश्यू बनाया था। क्या मतलब है इसका? क्या वोट के लिए आतंकवाद की लड़ाई को इस तरह से कमजोर किया जाएगा?उन्होंने कहा कि आज जब देश की न्यायिक प्रक्रिया के द्वारा एक बहुत बड़े आतंकवादी को 100 से अधिक गवाही, साइंटिफिक एविडेंस, मेडिकल एविडेंस के आधार पर बड़ी सजा मिली है, तो क्या ये सभी पार्टियां देश की जनता के सामने माफी मांगेगी?
भाजपा ने कहा कि अब जब इस मामले में एक आरोपी को अदालत ने दोषी ठहराया है, उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर हमला करते हुए उस वक्त इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और दिग्विजय सिंह तथा तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के बयानों का जिक्र किया और दिल्ली पुलिस के मनोबल पर विपक्षी दलों के अभियान के प्रभाव की जांच कराने की मांग की।
प्रसाद ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस का मनोबल गिराने और आतंकवादियों व उनकी साजिशों को स्पष्ट समर्थन देने के लिए बटला हाउस मुठभेड़ की हकीकत पर जानबूझ कर और लगातार गंभीर संदेह व्यक्त किया गया था। क्यों? शुद्ध वोट बैंक की राजनीति के लिए’’ दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के निरीक्षक शर्मा की हत्या कर दी गई थी।
इस मुठभेड़ के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों व शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले की जांच की थी और उसने दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट दी थी। कांग्रेस के कई नेताओं ने मुठभेड़ को लेकर दिल्ली पुलिस के दावों पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस उस समय केंद्र की सत्ता में थी। बाद में कांग्रेस नेतृत्व ने इस मामले में पार्टी के उन नेताओं के बयानों से खुद को अलग कर लिया था।
भाजपा इस मुद्दे पर पहले भी कांग्रेस पर निशाना साधती रही है। प्रसाद ने कहा कि ममता बनर्जी ने इस मुठभेड़ को ‘‘फर्जी’’ बताया था और इसकी न्यायिक जांच की मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि बनर्जी ने उस वक्त कहा था कि अगर वह गलत साबित हुईं तो राजनीति से संन्यास ले लेंगी। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या ये पार्टियां आज माफी मांगेंगी? क्या सोनिया गांधी और ममता बनर्जी माफी मांगेंगी? क्या वोट बैंक की राजनीति के लिए आतंकवाद के खिलाफ मुहिम को कमजोर किया जाएगा?’’
प्रसाद ने कहा कि अदालत के फैसले ने मामले का पटाक्षेप कर दिया है और यह अदालत और पुलिस की विजय है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल देश की सुरक्षा और आतंकवाद की लड़ाई के मामले में आतंकियों के पक्ष में खड़े हुए और दिल्ली में आतंकी हमले में पुलिस का मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई।