'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' का प्रकाशन रोकना चाहते है प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत, बेटी शर्मिष्ठा ने किया विरोध - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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‘द प्रेसिडेंशियल ईयर्स’ का प्रकाशन रोकना चाहते है प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत, बेटी शर्मिष्ठा ने किया विरोध

अभिजीत मुखर्जी ने पुस्तक ‘द प्रेसिडेंशियल ईयर्स’ का प्रकाशन रोकने के लिए ‘रूपा प्रकाशन’ को पत्र लिखा है, जो इसका प्रकाशन कर रही थी।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने जनवरी में प्रकाशित होने वाली अपने पिता की किताब ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ के प्रकाशन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति की पुत्री शर्मिष्ठा ने अपने भाई के बयान का विरोध करते हुए कहा कि ‘सस्ते प्रचार’ के लिए पुस्तक का प्रकाशन रोकने का प्रयास नहीं होना चाहिए। अभिजीत ने पुस्तक ‘द प्रेसिडेंशियल ईयर्स’ का प्रकाशन रोकने के लिए ‘रूपा प्रकाशन’ को पत्र लिखा है, जो इसका प्रकाशन कर रही थी। अभिजीत ने ‘रूपा प्रकाशन’ और इसके प्रबंध निदेशक कपिश मेहरा को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘संस्मरण के लेखक के पुत्र होने के कारण मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि इस पुस्तक और मेरी सहमति के बिना मीडिया के कुछ हिस्सों में आए पुस्तक के प्रेरित अंशों का प्रकाशन बंद करिए।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में उनका पुत्र होने के कारण मैं पुस्तक की सामग्री का अध्ययन करना चाहता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि अगर मेरे पिता जीवित होते तो वह भी ऐसा ही करते।’’ अभिजीत मुखर्जी ने कहा, ‘‘ऐसे में मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि जब तक मैं इसका अध्ययन नहीं कर लेता, तब तक आप लोग मेरी लिखित सहमति के बिना इस पुस्तक का प्रकाशन तत्काल रोकिए। मैं इस बारे में आप लोगों को पहले ही विस्तृत पत्र भेज चुका हूं।’’ 
अभिजीत के इस ट्वीट पर मेहरा और उनके प्रकाशन की तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया। अपने भाई के ट्वीट का जवाब देते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, ‘‘मैं संस्मरण के लेखक की पुत्री के तौर पर अपने भाई अभिजीत मुखर्जी से आग्रह करती हूं कि वह पिता द्वारा लिखी गई अंतिम पुस्तक के प्रकाशन में अनावश्यक अवरोध पैदा नहीं करें। वह (मुखर्जी) बीमार होने से पहले ही इसे पूरा लिख चुके थे। 
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ पुस्तक के साथ मेरे पिता के हाथों से लिखा हुआ नोट और टिप्पणियां हैं जिनका पूरी सख्ती से अनुसरण किया गया है। उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचार उनके अपने हैं और किसी को सस्ते प्रचार के लिए इसे प्रकाशित कराने से रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिए। यह हमारे दिवंगत पिता के लिए सबसे बड़ा अन्याय होगा।’’
दरअसल, प्रकाशन की ओर से मीडिया में जारी पुस्तक के अंशों के मुताबिक, इसमें मुखर्जी ने राष्ट्रपति के तौर अपने अनुभवों और कांग्रेस के नेतृत्व में संदर्भ कई बातों का उल्लेख किया है। सार्वजनिक हुए अंशों के अनुसार, इसमें मुखर्जी ने लिखा है कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस राजनीतिक दिशा से भटक गई और कुछ पार्टी सदस्यों का यह मानना था कि अगर 2004 में वह प्रधानमंत्री बनते तो 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए करारी हार वाली नौबत नहीं आती। 
प्रणब मुखर्जी अपने निधन से पहले संस्मरण ‘द प्रेसिडेंशियल ईयर्स’ को लिख चुके थे। रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जनवरी, 2021 से पाठकों के लिए उपलब्ध होने वाली थी मुखर्जी का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के करण गत 31 जुलाई को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। 

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