कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से अपने ट्वीट के जरिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा कि वह उनका विचार था और वह उस पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि अपने विचारों को व्यक्त करने पर सशर्त अथवा बिना किसी शर्त माफी मांगना ठीक नहीं होगा। भूषण ने कहा कि निष्ठाहीन माफी मांगना मेरे अन्तःकरण की और एक संस्था की अवमानना के समान होगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रशांत भूषण से कहा था कि वह न्यायालय की अवमानना वाले ट्वीट को लेकर माफी नहीं मांगने वाले अपने बयान पर पुनर्विचार करें और इसके लिए उन्हें 24 अगस्त तक का समय दिया था।
बता दें कि शीर्ष न्यायालय में भूषण के खिलाफ अवमानना के दो मामले हैं। शीर्ष न्यायालय ने नवंबर 2009 को भूषण और पत्रकार तरूण तेजपाल को एक अवमानना नोटिस जारी किया था। एक समाचार पत्रिका में कुछ मौजूदा एवं कुछ पूर्व न्यायाधीशों के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर यह नोटिस जारी किया गया था।
दूसरे मामले में,उच्चतम न्यायालय ने न्यायपालिका के खिलाफ दो अपमानजनक ट्विट के लिये 14 अगस्त को भूषण को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था और कहा कि इन्हें जनहित में न्यापालिका के कामकाज की स्वस्थ आलोचना नहीं कहा जा सकता।