राष्ट्रपति चुनाव (President Election) से पहले विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने बड़ा झटका देते हुए उनके द्वारा बुलाई गई बैठक को ‘एकतरफा’ करार दिया। उन्होंने कहा की सीएम ममता की ”एकतरफा” कोशिश विपक्ष की एकजुटता पर उल्टा प्रभाव डालेगी और नुक्सान पहुंचाएगी।
विपक्ष की एकजुटता के लिए CM ममता कर रही एकतरफा कोशिश?
दरअसल, 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए 15 जून को नई दिल्ली में एक बैठक बुलाई है। ममता ने बैठक में भाग लेने का अनुरोध करते हुए विपक्षी नेताओं को पत्र लिखा, वहीं येचुरी ने कहा कि 15 जून को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन सहित विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक का दिन पहले ही तय किया जा चुका है।
येचुरी ने CM ममता की बैठक पर दी तीखी प्रतिक्रिया
येचुरी ने कहा कि “मुझे सोशल मीडिया से पता चला है कि मुझे भी एक पत्र भेजा गया है। आम तौर पर ऐसी बैठकें आपसी विचार-विमर्श के बाद आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा, “सीएम ममता बनर्जी ने एकतरफा पत्र लिखा। यह बेहद असामान्य बात है। इस बैठक का फोकस विपक्षी दलों को एकजुट करने पर है, लेकिन कोई भी एकतरफा कार्रवाई विपक्षी एकता को नुकसान पहुंचाएगी।”
सीएम ममता के इस कदम से खुश नहीं है विपक्ष
सूत्रों के मुताबिक विपक्षी नेता सीएम ममता के इस कदम से खुश नहीं हैं और उन्हें लगता है कि टीएमसी प्रमुख द्वारा अन्य वरिष्ठ नेताओं को पछाड़कर खुद को भाजपा विरोधी मोर्चे के नेता के रूप में पेश करने का यह एक और प्रयास है। सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बैठक की तारीख पर चर्चा का हिस्सा नहीं थीं, लेकिन उसी दिन एक बैठक का अनुरोध करने वाले उनके पत्र ने यह सवाल खड़ा किया है कि वह उस चर्चा का विवरण कैसे जानती हैं?