राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी को क्षमा करने पर राष्ट्रपति लेंगे फैसला - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी को क्षमा करने पर राष्ट्रपति लेंगे फैसला

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि तमिलनाडु के राज्यपाल का कहना है कि राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक ए.जी. पेरारिवलन की क्षमा याचिका पर फैसला लेने के लिए राष्ट्रपति सक्षम प्राधिकारी हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि तमिलनाडु के राज्यपाल का कहना है कि राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक ए.जी. पेरारिवलन की क्षमा याचिका पर फैसला लेने के लिए राष्ट्रपति सक्षम प्राधिकारी हैं। 
गृह मंत्रालय ने एक संक्षिप्त हलफनामे में कहा, तमिलनाडु के राज्यपाल ने सभी तथ्यों पर विचार किया और संबंधित दस्तावेजों को देखने के बाद कहा कि 25 जनवरी को किए गए अनुरोध पर फैसला लेने के लिए भारत के राष्ट्रपति ही उपयुक्त सक्षम प्राधिकारी हैं। 
गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार को प्राप्त प्रस्ताव पर कानून के अनुसार, कार्रवाई की जाएगी। 21 जनवरी को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि पेरारिवलन की जल्द रिहाई के मामले पर तमिलनाडु के राज्यपाल तीन-चार दिन में फैसला करेंगे। 
मेहता ने न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया था कि अगले 3-4 दिनों के भीतर अनुच्छेद 161 के तहत विवेकाधीन शक्ति का प्रयोग करके सजा की छूट पर संविधान के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। 
विभिन्न अवसरों पर उच्चतम न्यायालय ने पेरारिवलन की क्षमा याचिका को तमिलनाडु के राज्यपाल के साथ दो वर्षों से अधिक समय से लंबित रहने पर असंतोष व्यक्त किया था। पेरारिवलन ने समय से पहले रिहाई और अपनी सजा से छुटकारे की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी रिहाई के लिए 2018 में राज्य सरकार द्वारा की गई सिफारिश का हवाला भी दिया था। 
केंद्र ने कहा, यह अपराध भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से संबंधित था, जो बम विस्फोट के माध्यम से किया गया, जिसमें उनके अलावा 18 निर्दोष व्यक्तियों की हत्या हुई और 43 व्यक्तियों को गंभीर चोटें आई थीं। 
शीर्ष अदालत ने 2014 में पेरारिवलन की सजा को उनकी दया याचिका के लंबे समय तक लंबित रहने का हवाला देते हुए आजीवन कारावास में बदल दिया था। 
सभी दोषियों को क्षमा के लिए राज्यपाल के पास राज्य सरकार की सिफारिश दो साल से अधिक समय से लंबित है। दोषी वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन, टी. सुतेंद्रराजा उर्फ संथम, पेरारिवलन उर्फ अरिवू, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, पी रविचंद्रन और नलिनी 25 साल से अधिक समय से जेल में हैं। 

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