प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर कहा कि बुद्ध के बताए 4 सत्य यानि दया, करुणा, सुख-दुख के प्रति समभाव और जो जैसा है उसको उसी रूप में स्वीकारना, ये सत्य निरंतर भारत भूमि की प्रेरणा बने हुए हैं। वहीं पीएम मोदी के सम्बोधन के कुछ देर बाद ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सिर्फ भगवान की वाणी दोहराना काफी नहीं है। सरकार को उस पर अमल करके दिखाना होगा।
..सिर्फ भगवान की वाणी दोहराना काफी नहीं है। सरकार को उस पर अमल करके दिखाना होगा। 2/2#BuddhaPurnima
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 7, 2020
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि “मजदूरों को गुजरात से यूपी लाया गया। पैसे भी वसूले गए। आगरा और बरेली जाने वालों को लखनऊ और गोरखपुर ले जाकर छोड़ा जा रहा है। आज बुद्ध पूर्णिमा है। बुद्ध की वाणी करुणा की वाणी थी। प्रवासी मजदूरों के साथ करुणा भरा व्यवहार हो और उन्हें सहारा मिले-यह हमारा प्रयास होना चाहिए। सिर्फ भगवान की वाणी दोहराना काफी नहीं है। सरकार को उस पर अमल करके दिखाना होगा।”
बता दें कि पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि कि प्रत्येक जीवन की मुश्किल को दूर करने के संदेश और संकल्प ने भारत की सभ्यता को संस्कृति को हमेशा दिशा दिखाई है। भगवान बुद्ध ने भारत की इस संस्कृति को और समृद्ध किया है। वो अपना दीपक स्वयं बनें और अपनी जीवन यात्रा से दूसरों के जीवन को भी प्रकाशित कर दिया।” उन्होंने कहा कि बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं, किसी एक प्रसंग तक सीमित नहीं हैं।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि समय बदला, स्थिति बदली, समाज की व्यवस्थाएं बदलीं, लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश हमारे जीवन में निरंतर प्रवाहमान रहा है। ये सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि बुद्ध सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि एक पवित्र विचार भी है। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया में उथल-पुथल है, कई बार दुःख- निराशा- हताशा का भाव बहुत ज्यादा दिखता है, तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाती है।
उन्होंने कहा कि “कोरोना संकट के इस समय में भी भारत निस्वार्थ भाव से, बिना किसी भेद के, अपने यहां भी और पूरे विश्व में कहीं भी संकट में घिरे व्यक्ति के साथ पूरी मज़बूती से खड़ा है।” उन्होंने कहा कि भारत आज प्रत्येक भारतवासी का जीवन बचाने के लिए हर संभव प्रयास तो कर ही रहा है, अपने वैश्विक दायित्वों का भी उतनी ही गंभीरता से पालन कर रहा है।”