कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को अपने लोकसभा क्षेत्र वायनाड में बाढ़ पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि वह उनकी विभिन्न समस्याओं का समाधान करने की पूरी कोशिश करेंगे। वायनाड के चार दिनों के दौरे के दूसरे दिन राहुल को स्थानीय लोगों ने दूर-दराज के कई इलाकों में संपर्क की समस्या के बारे में जानकारी दी। लोगों ने उन्हें बताया कि बाढ़ और भूस्खलन की वजह से सड़कें और पुल बह गए या ध्वस्त हो गए हैं।
इस पर राहुल ने कहा, “हम मिलकर इन समस्याओं का समाधान करेंगे।” कांग्रेस नेता ने कहा कि वायनाड के किसान ‘मानव-पशु संघर्ष’ का सामना कर रहे हैं, यह बहुत जटिल समस्या है और किसी जादू की छड़ी से इसका तुरंत समाधान नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, “मेरी प्रतिबद्धता आपके साथ मिल कर समस्याओं का समाधान करने की है। हमारी पहली प्राथमिकता बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिलाना है और हम इसे अवश्य करेंगे।” राहुल ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बाढ़ में अपने परिजनों को खो चुके और अपने मकान तथा संपत्ति गंवा चुके लोगों को मुआवजा देना सुनिश्चित करे।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस के कार्यकर्ता सभी बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे। मनंतावड़ी स्थित चलीगाम जनजातीय बस्ती में कुछ लोगों ने मुआवजे के साथ कर्ज माफी की भी मांग की। उन्होंने राहुल से कहा कि हाथी सहित अन्य जंगली जानवरों ने उनका जीना दूभर कर दिया है।
राहुल वायनाड लोकसभा क्षेत्र में कोझिकोड और मलप्पुरम विधानसभा क्षेत्र स्थित राहत शिविरों का दौरा 29 और 30 अगस्त को करेंगे। वह उत्तरी जिलों, वायनाड और मलप्पुरम में इस महीने की शुरूआत में भारी बारिश और भूस्खलन होने के बाद भी यहां आए थे। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 125 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें मलप्पुरम में 60 लोगों और वायनाड में 14 मौतें हुई हैं।