कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने शुक्रवार को दोपहर में यहां जंतर-मंतर पहुंच कर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता प्रकट की। राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता संसद से एक बस में सवार होकर जंतर-मंतर पहुंचे जहां किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से सांकेतिक ‘किसान संसद’ का आयोजन किए हुए हैं।
किसान संगठनों की मांग तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की है। इस दौरान राहुल ने कहा कि आज सभी विपक्षी पार्टियों ने काले कानूनों को हटाने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया। हम संसद में पेगासस की बात करना चाहते हैं, वहां पर वो पेगासस की बात नहीं होने दे रहे हैं। नरेंद्र मोदी हर हिन्दुस्तानी के फोन के अंदर घुस गए हैं। उन्होंने कहा कि “केंद्र सरकार को इन तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करना ही होगा। इस पर चर्चा से काम नहीं चलने वाला है।”
किसानों का समर्थन करने के लिए पहुंचने वाले नेताओं में राहुल गांधी, राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, शिवसेना के संजय राउत, राजद के मनोज झा, भाकपा के विनय विश्वम, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन और अन्य विपक्षी नेता शामिल थे। इससे पहले, खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक कर विपक्षी सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि वे किसानों का समर्थन करने के लिए ‘जंतर-मंतर’ पहुंचेंगे।
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी नेताओं की बैठक में यह भी तय किया गया कि पेगासस जासूसी मामला और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को आगे भी घेरा जाएगा। पेगासस, कृषि कानूनों और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर, संसद के मॉनसून सत्र में शुरू से ही दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से यह सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही है।