कोविड-19 से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बताए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने बतााय कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) और आयुध कारखानों में निजीकरण करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले पर मुख्य विपक्षीय पार्टी कांग्रेस ने जम कर निंदा की है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार का यह प्रयास पूरी तरह से निंदनीय है क्योंकि यह विषय देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ा हैं। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि अब तक की घोषणाओं से देश के ोआम लोगों की जेब में कितना पैसा गया?
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘निगमीकरण के नाम पर आयुध कारखानों का निजीकरण किया जा रहा है। आयुध कारखाने हमारी सामरिक संपत्ति हैं, इनके निजीकरण का हम कड़ा विरोध करते हैं।’’ वल्लभ ने कहा कि आयुध कारखानों का निजीकरण नहीं, बल्कि आधुनिकीकरण करने की जरूरत है। सरकार को इस आधुनिकीकरण के लिए नए निवेश और नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ा दिया। यह सामरिक महत्व का क्षेत्र है। संप्रग सरकार के समय भी ऐसा प्रस्ताव था, लेकिन हमने इसे खारिज किया। कांग्रेस रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने का घोर विरोध करती है क्योंकि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता का सवाल है।’’ वल्लभ ने कहा कि सरकार का ये कदम निंदनीय हैं।
कांग्रेस के डेटा विश्लेषण विभाग के प्रमुख प्रवीण चकवर्ती ने कहा, ‘‘क्या वित्त मंत्री यह मानती हैं कि देश में आर्थिक संकट है? हमारा मानना है कि देश में गंभीर मानवीय और आर्थिक संकट है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशी एजेंसियों की ओर से रेटिंग घटा देने की चिंता में सरकार इस तरह के कदम उठा रही है। चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हम वित्त मंत्री से आग्रह करते हैं कि रेटिंग के चक्कर में नहीं पड़े और अर्थव्यवस्था के मांग के पक्ष पर ध्यान दें।’’ गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की जारी करते हुए खनिजों के खनन के क्षेत्र में कई सुधारों समेत विभिन्न घोषणाएं कीं। उन्होंने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि बेहतर प्रबंधन के लिए आयुध कारखाना बोर्ड को कंपनी बनाया जाएगा। बाद में इसे शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जाएगा।