राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को बुलाया है। पार्टी ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम को तुरंत दिल्ली तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ गहलोत गुट और पायलट गुट के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र संकट के बीच भी कमलनाथ को महाराष्ट्र भेजा था।
अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बीच संभावनाएं थी कि पार्टी आलाकमान सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बना सकती है। लेकिन, पार्टी की किसी भी घोषणा से पहले ही गहलोत समर्थक 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद राजस्थान की सियासत में एक बड़ा संकट आ खड़ा हुआ। हालांकि राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने अभी तक किसी भी विधायक का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
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वहीं गहलोत गुट के विधायक साफ कर चुके हैं कि अगर उनकी शर्ते पार्टी आलाकमान ने नहीं मानी तो वो इस्तीफा सौंप देंगे। विधायकों के इस रवैए ने पार्टी की अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी को नाराज किया है। ऐसे में खबर है कि इन विधायकों पर कार्रवाई की जा सकती है।
इन मांगों पर अड़े विधायक
दरअसल, गहलोत गुट के विधायकों की मांग है कि अशोक गहलोत अध्यक्ष चुनाव के बाद CM पद से इस्तीफा देंगे यानी सीएम उम्मीदवार की घोषणा 18 अक्टूबर के बाद की जाए। दूसरी मांग है, जो भी मुख्यमंत्री बनेगा वो उन 102 विधायकों में से हो जिन्होंने 2020 में सचिन पायलट की बगावत के दौरान सरकार गिरने से बचाने का काम किया था। वहीं उनकी अंतिम और तीसरी मांग है कि मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत का विकल्प दिया जाना चाहिए।