कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह के हमले पर पलटवार करते हुए कहा कि अपने दिग्गज नेताओं को जबरन सन्यास दिलवाने और अपमानित करने वाले लोग विपक्षी पार्टी पर सवाल कर रहे हैं तथा भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र के बारे में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिन्हा जैसे नेताओं से पूछा जाना चाहिए।
As India’s ruling party, BJP needs to answer:
Why is its majoritarian rule described as Govt of 2 people only & all others as mere side kicks?
Why is horse trading, mass defections & institution capture its only legacy?
Why is it obsessed in its vile hatred of Nehru-Gandhi’s? https://t.co/wGO9gMegj4
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 25, 2020
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, “देश की सत्तारूढ़ पार्टी होने के नाते बीजेपी को अपने आप से कुछ सवाल पूछने चाहिए कि उनकी सरकार में सिर्फ दो लोगों की ही क्यों चलती है और बाकी लोगों को क्यों दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि क्या हॉर्स ट्रेडिंग, संस्थानों पर कब्जा और बड़े पैमाने पर चूक ही आपके विरासत है।”
उन्होंने कांग्रेस पर हमले वाले शाह के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ‘‘ये बातें वो लोग कर रहे हैं जिन्होंने अपनी पार्टी के उन दिग्गजों के पद हथिया लिए और उन्हें जबरन सन्यास दिलवा दिया और अपमानित किया जिन्होंने इनको (राजनीति में) बनाया।’’
उन्होंने आडवाणी, जोशी, केशुभाई पटेल, संजय जोशी और कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सूची लंबी है। शाह के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा में आतंरिक लोकतंत्र के बारे में आडवाणी, जोशी, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा से पूछना चाहिए। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता।’’
आपतकाल के संदर्भ में शाह की टिप्पणी पर खेड़ा ने कहा कि इतिहास की बात कर रहे लोगों ने आज देश की संस्थाओं को इतना कमजोर कर दिया है जो पहले कभी नहीं हुआ था। गौरतलब है कि शाह ने बृहस्पतिवार कांग्रेस पर करारा हमला बोला और आरोप लगाया कि एक परिवार के हित दलीय व राष्ट्रीय हितों पर हावी हो गए हैं। उन्होंने साथ ही सवाल किया कि ‘‘आपातकाल की मानसिकता’’क्यों आज भी कांग्रेस में विद्यमान है।
आपातकाल के 45 साल पूरे होने पर शाह ने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट किए और दावा किया कि कांग्रेस के नेता अब अपनी ही पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं। उनके मुताबिक जनता से विपक्षी पार्टी की दूरी बढ़ती जा रही है।