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पार्किंग की पर्याप्त जगह न होने पर वाहनों के पंजीकरण में कमी लाएं : एनजीटी

एनजीटी पर्यावरण की रक्षा के लिए उक्त शहरों में नए वाहनों की संख्या का पंजीकरण सीमित करने का निर्देश देने सहित कड़े कदम उठा सकता है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) शुक्रवार को व्यापक वायु गुणवत्ता की कमी वाले दिल्ली सहित 122 शहरों के अधिकारियों से कहा कि यदि वहां पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं है तो वे वाहनों के पंजीकरण में कमी लाएं और साथ ही वहां सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दें। 
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा कदमों के लिए जरूरी है कि ऐसे किसी भी शहर में वाहनों की संख्या उपलब्ध पार्किंग स्थल तक सीमित की जानी चाहिए। 
पीठ ने कहा, ‘‘सभी सार्वजनिक स्थलों और सड़कों को बिना किसी नियामक कदम के पार्किंग स्थलों में तब्दील नहीं किया जा सकता…पार्किंग की केवल निर्दिष्ट स्थानों पर अनुमति दी जा सकती है। अधिकारियों को कड़े कदम उठाने चाहिए।’’ अधिकरण ने स्पष्ट किया कि निर्देश केवल दिल्ली के लिए नहीं, बल्कि ऐसे सभी 122 शहरों के लिए जारी किए जाने चाहिए जो राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते। 
एनजीटी ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के परिवहन विभागों से कहा कि वे 122 शहरों में उपलबध पार्किंग क्षमता का आकलन करें और तय करें कि वहां उपलबध पार्किंग स्थलों में कितने वाहन खड़े किए जा सकते हैं। इसने कहा कि वाहनों की संख्या क्षमता से अधिक होने पर पर्याप्त अतिरिक्त पार्किंग स्थल उपलब्ध कराने की कार्ययोजना होनी चाहिए। 
एनजीटी ने कहा, ‘‘यदि यह संभव न हो तो पंजीकृत होने वाले वाहनों की संख्या में उचित आर्थिक हतोत्साहन या अन्य के जरिए कमी लाई जानी चाहिए और नागरिकों को सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के रूप में विकल्प देना चाहिए।’’ 
इसने कहा कि यदि ये कदम नहीं उठाए जाते हैं तो एनजीटी पर्यावरण की रक्षा के लिए उक्त शहरों में नए वाहनों की संख्या का पंजीकरण सीमित करने का निर्देश देने सहित कड़े कदम उठा सकता है। 

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