विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध जो बाइडन के प्रशासन में और आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे दौर का हिस्सा रहे हैं जब दोनों देशों के बीच के द्विपक्षीय संबंधों में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ। जयशंकर ने कहा, ‘‘हमने उनके साथ काम किया है, जब वह उपराष्ट्रपति थे। मैं ओबामा प्रशासन के अंतिम चरण के दौरान राजदूत के रूप में वहां था। हम उन्हें पहले से जानते थे जब वह सीनेट की विदेश संबंध समिति में सदस्य और फिर चेयरमैन बने थे।’’
विदेश मंत्री एक प्रमुख थिंकटैंक ‘गेटवे हाउस’ द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन परिचर्चा में बोल रहे थे। जयशंकर ने कहा, ‘‘वह (बाइडन) उस दौर का हिस्सा रहे हैं, जब भारत-अमेरिका संबंधों में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ।’’ जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित बाइडन भारत के लिए कोई अजनबी नहीं हैं या दोनों देशों के बीच के संबंध से अनजान नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि हम फिर से वहां से अपनी रफ्तार पकड़ेंगे जहां हमने छोड़ा था, हमने पिछले चार प्रशासनों में ऐसा किया है।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस प्रशासन में भी ऐसा ही होगा।’’ गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा संबंधों में बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान बहुतबड़ा विस्तार हुआ और उपराष्ट्रपति के रूप में बाइडन ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2016 में ओबामा प्रशासन के दौरान भारत को अमेरिका के प्रमुख रक्षा साझेदार के रूप में नामित किया गया था।
ओबामा प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे का समर्थन किया था और आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के साथ सहयोग को काफी बढ़ाया। बाइडन ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दस्तावेजों में, अमेरिका-भारत साझेदारी को बढ़ाने के अपने दृष्टिकोण के साथ-साथ हर क्षेत्र में भारत के साथ खड़े होने की बात की है।