कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और दिग्गज नेता सुनील जाखड़ और पूर्व केंद्रीय खाद्य मंत्री केवी थॉमस को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते सभी पदों से हटाने को मंजूरी दे दी है। बताते चलें कि पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक के बाद यह कार्रवाई हुई, जिसमें दोनों नेताओं के खिलाफ शिकायतों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही इस पैनल ने मेघालय में पार्टी के पांच विधायकों के बारे में शिकायतों पर भी चर्चा की, जिन्होंने राज्य में नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया था। सूत्रों के मुताबिक इन पांचों सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है।
सुनील जाखड़ और केवी थॉमस को कांग्रेस में सभी पदों से हटाया
बता दें कि सुनील जाखड़ ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की थी और हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में जाखड़ का नाम सीएम पद की रेस में सबसे आगे था लेकिन अंत तक उनका नाम इस रेस से बाहर ही कर दिया गया था, इस पर जाखड़ ने कहा था की उन्हें सीएम पद के लिए इसलिए योग्य नहीं माना जा रहा क्योंकि वह ‘हिंदू’ हैं। वहीं मंगलवार को अनुशासन समिति की बैठक से पहले जाखड़ ने अपने खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद जताई थी। उन्हें 11 अप्रैल को पैनल द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया था और एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया था। हालांकि, उन्होंने पैनल को जवाब नहीं देने का फैसला किया था।
अनवर ने दी जानकारी, दोनों नेताओं का कोई पद नहीं
सुनील जाखड़ ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, “आज, सर कलम होंगे उनके जिनमें अभी ज़मीर बाकी है। जावेद अख्तर साहब से मैं माफी मांगता हूं।” मंगलवार को हुई पैनल की बैठक में एके एंटनी के अलावा जेपी अग्रवाल, तारिक अनवर शामिल थे। तारिक अनवर ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा था कि “हमारी सिफारिशों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी-जी ने मंजूरी दे दी है। ये दोनों ही नेता पार्टी में बने रहेंगे लेकिन उनका कोई आधिकारिक पद नहीं होगा।”
जानें केवी थॉमस पर क्यों गिरी गाज
अगर बात करें पूर्व केंद्रीय खाद्य मंत्री केवी थॉमस की तो उन्हें हाईकमान ने सीपीएम की ओर से आयोजित सेमिनार से दूर रहने को कहा था, लेकिन उन्होंने उसमें हिस्सा लिया था। उनके इस कृत्य को पार्टी विरोधी माना गया था, थॉमस केरल राजनीतिक मामलों की समिति और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारी समिति के सदस्य हैं। 9 अप्रैल को आयोजित सेमीनार में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री थॉमस की उपस्थिति राज्य के नेताओं के साथ अच्छी नहीं रही थी।
पद से हटाए जाने के बाद जाखड़ ने कही यह बात
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि नेताओं की वरिष्ठता को देखते हुए, कांग्रेस प्रमुख ने कठोर सजा का समर्थन नहीं किया और इसके बजाय, दोनों नेताओं को पार्टी के पदों से हटाने को मंजूरी दे दी। अनवर ने कहा कि दोनों नेता निकट भविष्य में किसी पार्टी पद पर नहीं रहेंगे। कांग्रेस प्रमुख ने राज्य में भाजपा की मदद करने के लिए मेघालय के पांच विधायकों के लिए तीन साल के निलंबन को भी मंजूरी दी।
जाखड़ ने कार्रवाई के बाद पार्टी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पार्टी में उनका कोई पद नहीं है। जाखड़ ने कहा, ‘जिस तरह से पार्टी नेतृत्व ने मेरे मामले को संभाला है, उन्होंने मुझे नीचा दिखाया है और मुझे खराब रोशनी में दिखाया है। ऐसा रवैया मुझे मंजूर नहीं है। मैं पहले ही पार्टी को शुभकामनाएं दे चुका हूं। इसके अलावा, मैं पार्टी में पहले भी किसी पद पर नहीं था।”