कांग्रेस अनुशासन समिति ने मंगलवार को पंजाब के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ को पार्टी विरोधी गतिविधियों के मद्देनजर पार्टी से दो साल के लिए निलंबित करने की सिफारिश की। हालांकि, समिति ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के ऊपर अंतिम निर्णय को छोड़ दिया है। जाखड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की थी और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) से कांग्रेस की हार के बाद उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया था।
2 साल के लिए निलंबित हो जाएंगे सुनील जाखड़?
एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जाखड़ पर चन्नी और अनुसूचित जाति समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाने के बाद पूर्व मंत्री राज कुमार वेरका समेत पार्टी के कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन जाखड़ ने आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था। उन्होंने यह भी खेद व्यक्त किया था कि अगर उनकी टिप्पणियों से किसी को ठेस पहुंची है तो वह शर्मिंदा हैं।
CM पद की रेस से कैसे बाहर हुए जाखड़?
जाखड़ ने पहले तब हंगामा खड़ा कर दिया था जब उन्होंने दावा किया था कि 42 विधायक उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे और पिछले साल अमरिंदर सिंह के अचानक बाहर होने के बाद केवल दो ने चन्नी का समर्थन किया था। पिछले साल अमरिंदर सिंह के सत्ता से बाहर होने के बाद जाखड़ मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे। पार्टी नेता अंबिका सोनी के बयान के बाद जाखड़ के मुख्यमंत्री बनने की संभावना कम हो गई थी, जिन्होंने कहा था कि पार्टी को सिख चेहरे के साथ जाना चाहिए।
सुनील जाखड़ ने ट्वीट कर कही यह बात
जाखड़ ने मंगलवार को कहा कि जिनके पास अभी भी विवेक है उन्हें दंडित किया जाएगा। कांग्रेस अनुशासन समिति ने 11 अप्रैल को जाखड़ को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस दिया था और एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। हालांकि, जाखड़ ने पैनल को जवाब नहीं देने का फैसला किया। जाखड़ ने एक ट्वीट में कहा, आज सिर कलाम होंगे उनके जिनमे अभी ज़मीर बाकी है। (आज विवेक वालों का सिर कलम किया जाएगा, जावेद अख्तर साहब से मेरी माफी)।