रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईएनएस किल्तन को भारतीय नौसेना को समर्पित किया है। विशाखापत्तनम में पूर्वी नवल कमांड में पहुंचकर रक्षा मंत्री ने इसकी औपचारिकता पूरी की। रिपोर्ट के मुताबिक, इस युद्धपोत का वजन 3500 टन है और यह 109 मीटर लंबा है. इसमें चार डीजल इंजन लगे हैं। आधुनिक हथियार और सेंसर से लैस युद्धपोत 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है। इस पर हेलिकॉप्टर लैंडिंग की सुविधा भी है।
युद्धपोत में रॉकेट लॉन्चर भी लगा है। यह रासायनिक, जैविक और परमाणु युद्ध के हालात में भी लड़ सकता है। नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय के डिजाइन पर पर इसे बनाया गया है। इसमें हाई क्लास स्टील डीएमआर 249 का इस्तेमाल हुआ है।
जब आईएनएस तरासा हुआ भारतीय नौसेना में शामिल
तटीय और अपतटीय क्षेत्र की निगरानी व गश्त को ध्यान में रखते हुए युद्धपोत ‘आईएनएस तरासा’ को भी कुछ हफ्ते पहले भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। आईएनएस तरासा को उसके मुख्य कार्य तटों और अपतटों की निगरानी व गश्त के लिए अच्छी मजबूती, उच्च गति और परिवर्तनशीलता के साथ बनाया गया है। इससे पहले दो आईएनएस तारमुगली और आईएनएस टिहायु को वर्ष 2016 में नौसेना में शामिल किया गया था और यह विशखापत्तनम में तैनात हैं।