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मनाली को लेह को जोड़ने वाली रोहतांग सुरंग का नाम बदलकर किया गया ‘अटल सुरंग’

राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सुरंग का निर्माण कर रही है और निर्माणकार्य 2020 तक पूरा हो जाएगा।

रोहतांग दर्रे के नीचे बनी लेह और मनाली को जोड़ने वाली सामरिक सुरंग का नाम अब अटल सुरंग होगा। सरकार ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में यह घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक समारोह में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि मनाली को लेह से जोड़ने वाली, रोहतांग सुरंग, अब अटल सुरंग के नाम से जानी जाएगी। 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने रोहतांग दर्रे के तहत सुरंग का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा किया है। यह पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने इस सामरिक सुरंग के निर्माण का ऐतिहासिक निर्णय किया था। 

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राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सुरंग का निर्माण कर रही है और निर्माणकार्य 2020 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरंग पूरी होने पर सभी मौसम में लाहौल और स्पीति घाटी के सुदूर के क्षेत्रों में सम्पर्क सुगम होगा और इससे मनाली एवं लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। 
उल्लेखनीय है कि रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्‍व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को लिया गया था जब वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। सुंरग के दक्षिणी हिस्‍से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। कुल 8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग 3000 मीटर की ऊंचाई पर बनायी गयी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। 15 अक्‍टूबर 2017 को सुरंग के दोनों छोर तक सड़क निर्माण पूरा कर लिया गया था। 

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