अगले कुछ महीनों में पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने है, ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी चुनावी तैयारियों को धार दे रहे है। इसी बीच पंजाब की बड़ी राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) को बड़ा झटका लगा है। एसएडी के दिग्गज नेता और और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है।
सिरसा ने अमित शाह और जेपी नड्डा का किया आभार व्यक्त
पंजाब में चुनाव के ठीक पहले इसको भाजपा के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। पार्टी में शामिल होने के बाद सिरसा ने कहा कि अमित शाह और जेपी नड्डा का धन्यवाद देना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे पार्टी में शामिल करवाया।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया
With gratitude to all office bearers, members, staff & people who worked with me; I am resigning from Delhi Sikh Gurudwara Management Committee as President. I will not contest upcoming DSGMC internal elections.My commitment to serve my community, humanity & nation remains same! pic.twitter.com/1ja3DlnvVM— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) December 1, 2021
बुधवार को ही उन्होंने गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी से इस्तीफा दिया था और फिर अकाली दल छोड़ने का फैसला लिया था। उनके भाजपा में जाने से भगवा दल को पंजाब चुनाव में खुद को सिखों की हितैषी पार्टी बताने में मदद मिलेगी। सिरसा गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के मुखिया रहे हैं और उनकी सिखों के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में भाजपा को उन्हें पंजाब में एक चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने में मदद मिलेगी।
धन्यवाद जी 🙏🏻 https://t.co/FqPcKO9bOp
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) December 1, 2021
‘ओमिक्रोन’ के चलते सरकार ने पीछे खींचे अपने कदम, 15 दिसंबर से शुरू नहीं होंगी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें
शेखावत और प्रधान ने जताई खुशी
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि उत्तर भारत की राजनीति में सिख चेहरों में जो चेहरा दिमाग में आएगा, वो सिरसा का ही आएगा। इनको मैं भाजपा परिवार में शामिल कराता हूं। पंजाब चुनाव में इसका लाभ होगा।
इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज भाजपा के लिए शुभ दिन है, मनजिंदर सिंह सिरसा के शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ज़िम्मेदारी से मुक्त होकर वे बीजेपी में शामिल हुए हैं। उनको जे पी नड्डा और अमित शाह ने भी शुभकामनाएं दी है।
भाजपा ने पंजाब चुनाव से पहले साधा बड़ा निशाना
मनजिंदर सिंह सिरसा के सिख समुदाय पर प्रभाव को इस बात से समझा जा सकता है कि 2012 में जब वह गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के महासचिव बने थे तो अकाली दल को पंजाब में सत्ता मिली थी। परमजीत सिंह सरना को मात देकर अकालियों ने गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी में पकड़ बनाई थी।
ऐसे में अब सिरसा का भाजपा में जाना सिख समुदाय के बीच पार्टी को पैठ बढ़ाने में मदद कर सकता है। किसान आंदोलन के बाद से ही भाजपा सिख विरोधी दल होने की धारणा का शिकार रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद अब सिरसा की एंट्री के बाद पार्टी को बड़ी मदद मिल सकेगी।
एसएडी के लिए पैदा हुआ बड़ा संकट
इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को साधने के बाद राज्य में भाजपा के लिए यह बड़ी कामयाबी है। सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी का पद छोड़ते हुए सिरसा ने लिखा था, ‘कुछ निजी कारणों के चलते मैं दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के प्रेसिडेंट के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।’ दिल्ली में मनजिंदर सिंह सिरसा की अच्छी पैठ मानी जाती रही है और राजधानी में अकाली दल का जो भी जनाधार रहा है, उसमें उनकी अहम भूमिका रही है। ऐसे में सिरसा का छोड़ना अकाली दल के लिए पंजाब से लेकर दिल्ली तक अकाली दल के लिए बड़ा झटका है।