सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के कई हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र और राज्यों को आदेश जारी किया है। आदेश में कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिन मजदूरों पर कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले दर्ज किए गए हैं, उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सभी मामले वापस लिए जाएं।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने प्रवासी मजदूरों की बदहाली पर स्वत: संज्ञान वाली याचिका पर अपना बहुप्रतीक्षित आदेश सुनाते हुए कहा कि पलायन करने का मन बना चुके प्रवासी मजदूरों को आज से 15 दिन के भीतर अपने गांव या उनके इच्छित स्थान पर भेजने का समुचित इंतजाम किया जाए।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों के अनुरोध पर रेलवे 24 घंटे के भीतर श्रमिक स्पेशल ट्रेन उपलब्ध करायेगी। खंडपीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अपने घर जाने की जद्दोजहद में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वाले मजदूरों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। कोर्ट ने मामले में 5 जून को केंद्र और राज्य सरकारों का पक्ष सुनने के बाद कहा था कि इस पर नौ जून को आदेश सुनाया जाएगा।