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SC ने कहा- डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई प्रावधान नहीं

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार के पास सोशल मीडिया के नियमन पर बने दिशानिर्देशों में गलत विषयवस्तु दिखाए जाने पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई प्रावधान मौजूद नहीं है।

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को डिजिटल प्लेटफॉर्म को लेकर एक बड़ा बयान दिया, अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार के पास सोशल मीडिया के नियमन पर बने दिशानिर्देशों में गलत विषयवस्तु दिखाए जाने पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई प्रावधान मौजूद नहीं है।
साथ ही न्यायालय ने वेब सीरीज ‘तांडव’ को लेकर दर्ज प्राथमिकियों पर अमेजन प्राइम वीडियो की भारत प्रमुख अपर्णा पुरोहित को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी। न्यायाधीश अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने वेब सीरीज ‘तांडव’ को ले कर दर्ज प्राथमिकियों पर अग्रिम जमानत का अनुरोध करने वाली पुरोहित की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया।
न्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया पर केन्द्र के नियमन महज दिशानिर्देश हैं, इनमें डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई प्रावधान नहीं हैं। केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार उचित कदमों पर विचार करेगी, डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए किसी भी तरह के नियमों को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।शीर्ष अदालत ने पुरोहित को अपनी याचिका में केन्द्र को भी पक्षकार बनाने को कहा। ‘तांडव’ नौ कड़ियों वाली एक वेब श्रंखला है जिसमें बालीवुड अभिनेता सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया और मोहम्म्द जीशान अयूब ने अभिनय किया है।
पुरोहित पर उत्तर प्रदेश पुलिस का अनुचित चित्रण करने,और हिंदू देवी देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें दिखाने के आरोप हैं। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि कुछ ‘ओवर दी टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म’ पर कई बार किसी न किसी तरह की अश्लील सामग्री दिखाई जाती है और इस तरह के कार्यक्रमों पर नजर रखने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है। न्यायालय ने केंद्र से सोशल मीडिया के नियमन के लिए उसके दिशा-निर्देश के बारे में बताने को भी कहा था। मेहता ने कहा कि वह सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को रिकॉर्ड पर रखेंगे।
पुरोहित की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अपनी मुवक्किल के खिलाफ मामले को ‘‘हैरान करने वाला’’ बताया और कहा कि वह तो अमेजन की एक कर्मचारी हैं, न कि निर्माता या कलाकार लेकिन फिर भी उन्हें देशभर में वेब सीरीज ‘तांडव’ से जुड़े करीब दस मामलों में आरोपी बना दिया गया। इससे पहले 27 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने वेब सीरीज ‘तांडव’ के निर्देशक अली अब्बास जफर,पुरोहित,निर्माता हिमांशु मेहरा और शो के लेखक गौरव सोलंकी तथा अभिनेता मोहम्मद जीशान अयूब को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।
अब पुरोहित ने उच्चतम न्यायालय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 25 फरवरी के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में दिए गए अग्रिम जमानत के अनुरोध को अदालत ने अस्वीकार कर दिया था।
गौरतलब है कि 19 जनवरी 2021 को ग्रेटर नोएडा के रबुपुरा थाने में रउनिजा गांव के बलबीर आजाद ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आजाद ने आरोप लगाया था कि शो उत्तर प्रदेश पुलिस और उसकी पुलिस का खराब चित्रण करता है। इसके अलावा इस संबंध में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक ,महाराष्ट्र,बिहार और दिल्ली में कई प्राथमिकियां दर्ज कराई गई हैं।

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