कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ में कहा था कि एससी-एसटी की हिफाजत और उनके हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आज उसी राज्य ने केंद्र की इस प्रतिबद्धता को दरकिनार कर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू कर दिया है।
एससी/एसटी एक्ट मामले में बीजेपी शासित तीन राज्यों ने केंद्र सरकार को भी पीछे छोड़ दिया है। जहां केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से फैसला बदलने का गुहार लगा रही है, वहीं ये सुप्रीम कोर्ट के फैसलो को लागू भी कर चुके हैं। इसमें राजस्थान और मध्यप्रदेश शामिल हैं।
इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ भी शामिल था. लेकिन मीडिया में चर्चा होने और विपक्षी की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद उसने अपना फैसला बदल लिया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि हम इस मामले को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। केंद्र का जो फैसला होगा, वही राज्य का भी होगा. तब तक जो ऑर्डर पास किए गए थे, उसे रद्द किया जाता है।
आपको बता दे कि कोर्ट के इस आदेश के बाद देशभर में इसका विरोध गिया गया। विपक्ष ने भी मोदी सरकार को घेरा लेकिन केंद्र ने साफ कर दिया था कि वह दलितों की भलाई का काम कर रही है। बीजेपी शासित कुछ राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर काम करना शुरू कर दिया है।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकार ने आधिकारिक तौर पर राज्य पुलिस को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का आदेश जारी कर दिया है। खबरों के अनुसार इन राज्यों के अलावा हिमाचल प्रदेश ने भी अनौपचारिक तौर पर इस आदेश को जारी कर दिया है। हालांकि जल्द ही औपचारिक आदेश भी जारी कर दिया जाएगा।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को लागू करने पर दलित नेता जिग्नेश मेवाणी मोदी सरकार पर भडक़ गए। गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। जिग्नेश ने कहा है कि ये फैसला बताता है कि पीएम के मुंह पर बाबा साहेब का नाम है और दिल में मनु है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी कहती कुछ है और करती कुछ और है।
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