पूरे देश को दहला देने वाले निर्भया गैंगरेप एवं हत्या मामले के दोषियों विनय शर्मा और मुकेश कुमार की संशोधन (क्यूरेटिव) याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में ‘इन-चैम्बर’ सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पीठ विनय और मुकेश की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
सुनवाई न्यायमूर्ति रमन के चैम्बर में अपराह्न एक बजकर 45 मिनट पर होगी। पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल हैं। मुकेश कुमार की ओर से वृंदा ग्रोवर ने संशोधन याचिका दायर की, जबकि विनय की ओर से सदाशिव ने याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।
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पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों अपराधियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने के लिए गत मंगलवार को ‘ब्लैक वारंट’ (डेथ वारंट) जारी किया था। उसके बाद गत नौ जनवरी को विनय और मुकेश ने संशोधन याचिकाएं दायर की थी। अभी अक्षय और पवन गुप्ता ने संशोधन याचिका दायर नहीं की है।
पटियाला हाउस अदालत ने सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी देने का आदेश दिया था। फैसले के बाद सभी दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष क्यूरेटिव याचिका दायर करने की बात कही थी। निर्भया के साथ 16 दिसम्बर 2012 को गैंगरेप किया गया था और उसे बुरी तरह से जख्मी करने के बाद सड़क पर फेंक दिया गया था। बाद में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।
इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें एक नाबालिग आरोपी भी था। उसे तीन साल के लिए सुधारगृह में रखा गया था, जहां से वह रिहा हो चुका है। एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी, जबकि शेष चार आरोपियों-विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश कुमार और अक्षय कुमार को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनायी गयी थी, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है।