केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार सुबह हुई बैठक में जम्मू-कश्मीर के संबंध में चर्चा की गई। समझा जाता है कि बैठक में वहां के बारे में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में हुए विचार-विमर्श के बारे में तुरंत आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। बताया गया है कि संसद सत्र के कारण गृह मंत्री अमित शाह पहले संसद में ही इस संबंध में बयान देंगे। वह पहले राज्यसभा में और फिर लोकसभा में अपनी ओर से वक्तव्य देंगे।
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– राज्यसभा में एमडीएमके नेता वाइको ने कहा कि आपने कश्मीर के लोगों की भावनाओं के साथ खेला है। जब अतिरिक्त सेना के जवान वहां तैनात किए गए तो मुझे चिंता हुई। कश्मीर कोसोवो, पूर्वी तिमोर और दक्षिण सूडान नहीं बनना चाहिए। वाइको ने कहा मैं इस विधेयक (अनुच्छेद 370) का विरोध कर रहा हूं। यह शर्म, शर्म, शर्म का दिन है, यह लोकतंत्र की हत्या है।
– BSP के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी धारा 370 पर मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
– शिवसेना के संजय राउत ने राज्यसभा में कहा कि आज जम्मू-कश्मीर लिया है. कल बलोचिस्तान और POK लेंगे. मुझे विश्वास है देश के PM अखंड हिंदुस्तान का सपना पूरा करेंगे।
– BJD के सांसद प्रसन्ना आचार्य ने राज्यसभा में कहा, “वास्तविक अर्थों में, आज जम्मू और कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया है। मेरी पार्टी इस संकल्प का समर्थन करती है। हम एक क्षेत्रीय पार्टी हैं लेकिन हमारे लिए राष्ट्र पहले है।”
– भारत सरकार द्वारा घोषित अनुच्छेद 370 और अन्य फैसलों को रद्द करने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान।
– जदयू के केसी त्यागी ने कहा कि हमारे प्रमुख नीतीश कुमार जेपी नारायण, राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नांडीस की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए हमारी पार्टी आज राज्यसभा में चले गए विधेयक का समर्थन नहीं कर रही है। हमारी अलग सोच है। हम चाहते हैं कि धारा 370 को निरस्त न किया जाए।
– राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, 1952 और 1962 में कांग्रेस ने इसी तरह की प्रक्रिया के जरिए धारा 370 में संशोधन किया। तो विरोध करने के बजाय कृपया मुझे बोलने दें और चर्चा करें, आपके सभी संदेह और गलतफहमी दूर हो जाएंगी, मैं आपके सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं।
– लद्दाख के बीजेपी सांसद जमैया त्सेरिंग नामग्याल ने कहा कि मैं लद्दाख में सभी की ओर से विधेयक का स्वागत करता हूं। वहां के लोग चाहते थे कि यह क्षेत्र केंद्र शासित प्रदेश हो। लद्दाख के लोग चाहते थे कि इस क्षेत्र को कश्मीर के प्रभुत्व और भेदभाव से मुक्त किया जाए, जो आज हो गया है।
– वही, भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने अनुच्छेद 370 पर सरकार का कदम राष्ट्र की अखंडता की दिशा में एक ऐतिहासिक फैसला है।
– अनुच्छेद 370 को लेकर सरकार के कदम पर भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि क्या गौरवशाली दिन है। उन्होंने आगे कहा कि अंतत: जम्मू-कश्मीर को भारत में पूर्ण रूप से शामिल किए जाने की श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत हजारों शहीदों की इच्छाओं का सम्मान हुआ।
– वही, बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने राज्यसभा में कहा, “हमारी पार्टी पूरा समर्थन देती है। हम चाहते हैं कि विधेयक पारित हो। हमारी पार्टी धारा370 विधेयक और अन्य विधेयक का कोई विरोध नहीं व्यक्त कर रही है।”
– महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 पर सरकार के कदम के संबंध में कहा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का स्याह दिन है। मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त करने का भारत सरकार का एकतरफा फैसला गैर कानूनी, असंवैधानिक है, जम्मू-कश्मीर में भारत संचालन बल बन जाएगा। महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि अनुच्छेद 370 पर उठाया गया कदम उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगा, वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकित कर इस क्षेत्र पर अधिकार चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत कश्मीर के साथ किये गए वादों को पूरा करने में नाकाम रहा है।
– शाह ने आगे कहा कि अनुच्छेद 370 की छतरी के नीचे तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूट लिया। इसपर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 भारत से जम्मू-कश्मीर से जुड़ा है, यह सच नहीं है। महाराजा हरि सिंह ने 27 अक्टूबर 1947 को J & K इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसेशन पर हस्ताक्षर किए, फिर अनुच्छेद 370 1954 में आया।
– राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि धारा 370 हटाने में एक सेकंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए।
– वही, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि मैं 2-3 सांसदों (पीडीपी के मीर फैयाज और नजीर अहमद लावे जिन्होंने संविधान को फाड़ने का प्रयास किया) के कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं। हम भारत के संविधान द्वारा खड़े हैं। हम हिंदुस्तान के संविधान की रक्षा के लिए जान की बाज़ी लागा देंगे , लेकिन आज भाजपा ने संविधान की हत्या कर दी है।
– अब जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग किया गया है।
– राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने पीडीपी के मीर फैयाज और नजीर अहमद लावे को संविधान को फाड़ने के प्रयास के बाद सदन से बाहर जाने के लिए कहा गया।
– अमित शाह के बयान के बाद विपक्ष की कई पार्टियां राज्यसभा में प्रदर्शन कर रही हैं। सदन में पीडीपी के सांसदों ने कपड़े फाड़ कर प्रदर्शन किया है।
– शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधान के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा।
– शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया ।
– गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की।
– अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश कर दिया है। जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है।
– जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने के प्रस्ताव के बाद राज्यसभा में हंगामा।
– गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे ।
– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं विपक्ष के नेता, पूरे विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के सदस्यों द्वारा कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हूं। मैं सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं।
– राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि पूरी घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ है, तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित राजनीतिक नेता घर में नजरबंद हैं। राज्य में युद्ध जैसी स्थिति है, इसलिए इस पर प्राथमिकता से चर्चा होनी चाहिए।
– कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी संसद में पहुंचे है।
– वही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी संसद में पहुंच गए है।
– गृह मंत्री अमित शाह संसद पहुंचे।
– गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह सुबह 11 बजे राज्यसभा में, दोपहर को लोकसभा में बयान देंगे।
– केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक समाप्त होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 7 लोक कल्याण मार्ग से संसद के रवाना हुए।
– राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस दिया है, आज के कारोबार को निलंबित करने और कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
– इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने की बैठक। वही, विपक्षी दलों ने कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों को स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है।
– पीडीपी से राज्यसभा सांसद नजीर अहमद और मीर मोहम्मद ने संसद परिसर में हाथों पर काले रंग की पट्टी पहने हुए नजर आए। उन्होंने यह पट्टी कश्मीर के ताजा हालातों पर विरोध जताने के लिए पहना है।
– वही, कश्मीर में मुख्यधारा के कई नेताओं को नजरबंद किये जाने की निंदा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने मकसद को हासिल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक मूल्यों की अहवेलना करना चाहती है।
– कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब नजरबंद किया जा रहा है। ये हिंदुस्तान की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्हें ही बंद किया जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है। जम्मू कश्मीर में पर्यटन को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
– मंत्रिमंडल की बैठक में अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद तथा अन्य मंत्री मौजूद थे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पिछले सप्ताह हुई अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद से ही वहां माहौल अशांत बना हुआ है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि केन्द्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 35ए को खत्म करने की योजना बनायी है। इस प्रावधान के तहत राज्य के निवासियों को सरकारी नौकरियों और जमीन के मामले में विशेषाधिकार प्राप्त होता है।
वही, गत शुक्रवार से अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है तथा राज्य में गये पर्यटकों को वापस लौटने को कहा गया है। कश्मीर घाटी में कल देर शाम से निषेधाज्ञा लागू है। लोगों को घरों से न निकलने को कहा गया है। कश्मीर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।
स्कूल-कॉलेज बंद कर दिये गए हैं। देर रात को कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं को घरों से नहीं निकलने को कहा गया है। वैसे तो सामान्य तौर पर कैबिनेट की बैठक बुधवार को होती है। सरकार ने सोमवार को बैठक बुलाने की अभी तक कोई वजह नहीं बताई है।