पटना : बिहार में पटना की एक विशेष अदालत ने नाबालिग पुत्री के साथ बलात्कार करने के मामले में पिता को दोषी करार देते हुए आज बाल यौन उत्पीड़न निरोधक अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा के साथ ही एक लाख रूपये का जुर्माना भी किया है।
पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश सह अपर जिला एव सत्र न्यायाधीश( प्रथम) रविन्द्र नाथ त्रिपाठी ने यहां मामले में सुनवाई के बाद पटना शहर के ही एक व्यक्ति को पॉक्सों एक्ट की धारा छह तथा भारतीय दंड विधान की धारा 376 के तहत दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनायी है।
फैसले के अनुसार जुर्माने का 80 प्रतिशत हिस्सा पीड़िता को दिया जायेगा जो उसके पठन -पाठन तथा शादी के काम आयेगा। इसके अलावा अदालत ने बिहार पीड़िता प्रतिकर योजना 2014 के तहत पीड़िता को प्रतिकर प्रदान करने के लिये निर्णय की प्रति बिहार विधिक सेवा प्रधिकार को भेजे जाने का आदेश दिया है।
अदालत ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि पिता वह वट वृक्ष होता है जिसके तले बच्चों के बचपन की किल्लकारियां यौवन में परिवर्तित होती हैं। पिता के ही छांव में बच्चा एक जिम्मेदार नागरिक बनता है तथा देश एवं राष्ट्र का नाम उज्ज्वल करता है। अदालत ने कहा कि दोषी पिता अपने सारे उतरदायित्वों को भूल चुका है और वह पिता न होकर नर पिशाच के रूप में परिवर्तित हो चुका है।
अदालत ने यह कहा कि प्रस्तुत मामला न केवल जघन्य अपराध है बल्कि पिता-पुत्री के पावन सामाजिक रिश्ते को भी कलंकित करने वाला है। मामला वर्ष 2013 का था। आरोप के अनुसार दोषी अपनी नाबालिग पुत्री के साथ दो वर्षो तक बलात्कार करता रहा और इससे खिन्न होकर पीड़िता की माँ ने आत्म हत्या कर ली थी। मामले में पीड़िता उसके नाना और अनुसंधानकर्ता समेत सात गवाहों का बयान अभियोजन ने विशेष न्यायालय में दर्ज करावाया था।
देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ