केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों पर चिंता प्रकट करते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे और मंडी प्रणाली को कमजोर कर देंगे। पवार ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में डिजिटिल माध्यम से शामिल हुए। बैठक में संसद के बजट सत्र के लिए प्रस्तावित एजेंडा से जुड़े विषयों, किसान आंदोलन, महिला आरक्षण विधेयक और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
I am also concerned about the amended Essential Commodities Act. According to the act the Govt will intervene for price control only if rates of horticultural produce are increased by 100% and that of non perishable items increase by 50%.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) January 30, 2021
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख ने कहा कि नये कानून एमएसपी पर फसल खरीद करने के ढांचे को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेंगे, जिससे मंडी प्रणाली कमजोर हो जाएगी। उन्होंने एमएसपी को सुनिश्चित करने और इस व्यवस्था को कहीं अधिक मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया।
पवार ने ट्वीट किया , ‘‘ सुधार एक सतत प्रक्रिया है और एपीएमसी या मंडी प्रणाली में सुधारों के खिलाफ कोई भी व्यक्ति दलील नहीं देगा, लेकिन इस पर एक सकारात्मक बहस का यह मतलब नहीं है कि यह प्रणाली को कमजोर या नष्ट करने के लिए है।’’ पूर्व कृषि मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मेरे कार्यकाल के दौरान, विशेष बाजार स्थापित करने के लिए मसौदा एपीएमसी नियमावली-2007 तैयार की गयी थी, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचेने के लिए वैकल्पिक मंच उपलब्ध कराया जा सके और मौजूदा मंडी प्रणली को मजबूत करने के लिए भी अत्यधिक सावधानी बरती गई थी। ’’
पवार, 2004 से 2014 तक केंद्रीय कृषि मंत्री रहे थे। उन्होंने कहा कि वह संशोधित आवश्यक वस्तु अधिनियम को लेकर भी चिंतित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अधिनियम के मुताबिक, यदि बागवानी उत्पाद की दरों में 100 प्रतिशत की वृद्धि हो जाती है और न सड़ने- गलने वाली वस्तुओं की कीमतें 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है, तो इस सूरत में ही सरकार मूल्य नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करेगी।’’
पवार ने ट्वीट किया, ‘‘भंडारण करने की सीमा अनाज, दाल, प्याज, आलू तिलहन आदि पर हटा दी गई है। इससे यह आशंका पैदा हो सकती है कि कॉरपोरेट घराने वस्तुओं को कम कीमत पर खरीद सकते हैं और उसका भंडारण कर सकते हैं जिसके बाद वे उसे उपभोक्ताओं को अधिक कीमत पर बेचेंगे। ’’