कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने मंगलवार को लद्दाख में भारत-चीन टकराव को एक पूर्ण संकट बताया और उम्मीद जताई कि परिपक्व कूटनीति और निर्णायक नेतृत्व भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में सरकार के कार्यो का मार्गदर्शन करेगा।सोनिया गांधी ने यह टिप्पणी कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में की, जो मंगलवार को भारत-चीन के बीच टकराव और नेपाल के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हुई।
सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, “अब, हमारे पास एलएसी मुद्दे पर चीन के साथ पूर्ण संकट है, भविष्य में क्या होगा, ये सामने आना बाकी है लेकिन हमें उम्मीद है कि परिपक्व कूटनीति और निर्णायक नेतृत्व हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में सरकार के कार्यों का मार्गदर्शन करेगा।” सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि इस समय की जरूरत एक बड़े पैमाने पर वित्तीय प्रोत्साहन है, सीधे गरीबों के हाथ में पैसा देना और एमएसएमई को रक्षा और बढ़ावा देना है।
ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी कर सरकार घाव पर छिड़क रही है नमक
उन्होंने पिछले 17 दिनों में लगातार ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का मुद्दा भी उठाया और कहा, कि सरकार ने लगातार 17 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि करके घाव पर नमक छिड़का है, यह ऐसे समय में किया है जब कच्चे तेल की दुनियाभर में की कीमतें गिर गई हैं।
प्रधानमंत्री के आश्वाशन के वाबजूद कोरोना के बढ़ रहे है मामले
सोनिया ने कोरोना संकट को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री के आश्वासन के बावजूद कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने में असफल रही सरकार ने लोगों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया है। इस महामारी से निपटने में सामने आया सरकार का कुप्रबंधन देश के लिए खतरनाक साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इसी बीच नया संकट चीन सीमा पर पैदा हुआ है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार राजनयिक स्तर पर विचार विमर्श कर इस संकट के समाधान के लिए मजबूत और सुलझी हुई पहल करेगी और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए परिक्व कदम उठाएगी।
केंद्र सरकार कोरोना से निपटने में रही असफल : मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह सरकार कोविड-19 से साहस और प्रभावी तरीके से निपटने में असफल रही है और अब देश के समक्ष इससे बड़ा संकट चीन सीमा पर पैदा हो गया है। यह बहुत गंभीर मामला है और इससे निपटने के लिए सरकार को गंभीर और प्रभावी प्रयास करने होंगे।