ऐसे में जब राज्य कोरोना वायरस के टीकों की कमी से जूझ रहे हैं, केंद्र ने कहा कि अगस्त से दिसंबर के बीच पांच महीनों में देश में दो अरब से अधिक खुराक उपलब्ध होंगी, जो पूरी आबादी के टीकाकरण के लिए पर्याप्त होंगी। भारत में रूसी राजदूत एन. कुदाशेव ने रविवार को कहा कि भारत में स्पुतनिक वी का उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ाकर प्रति वर्ष 850 मिलियन खुराक का उत्पादन करने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि दूत ने कहा कि स्पूतनिक वी एक “रूसी-भारतीय टीका” है, उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि भारत में इसका उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ेगा। भारत में जल्द ही स्पूतनिक की सिंगल-डोज़ वैक्सीन पेश करने की योजना है, जिसे ‘स्पुतनिक लाइट’ कहा जाएगा। एन कुदाशेव ने कहा है कि स्पूतनिक वी की प्रभावशीलता दुनिया में अच्छी तरह से जानी जाती है।
रूस में 2020 की दूसरी छमाही से शुरू होने वाले लोगों के टीकाकरण में इसका सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रूसी विशेषज्ञों ने घोषणा की है कि यह वैक्सीन नए कोविड-19 वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी होगा। स्पूतनिक वी का लाइट वर्जन सिंगल डोज में ही कोरोना का काम तमाम कर देगा। यह वैक्सीन 80 फीसदी तक प्रभावी है। कंपनी का दावा है कि उसका लाइट वर्जन दो डोज वाले टीकों की तुलना में सिंगल डोज में ही अधिक कारगर है। स्पूतनिक के इस लाइट वर्जन वैक्सीन को रूसी सरकार की मंजूरी मिल गई है। इस बीच रविवार को स्पुतनिक वी का दूसरा जत्था हैदराबाद पहुंचा।
उल्लेखनीय है कि डॉ. रेड्डी ने शुक्रवार को स्पूतनिक-वी को देश में लांच किया। यह पहला विदेश निर्मित कोविड-19 टीका है जिसका इस्तेमाल देश में किया जा रहा है। ऐसे में जब घरेलू आपूर्ति भारी मांग को पूरा नहीं कर पा रही है, दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना सहित कई राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने कोरोना वायरस रोधी टीके की खरीद के लिए वैश्विक निविदाओं का विकल्प चुनने का फैसला किया है।
टीके की कमी स्वीकार करते हुए पॉल ने कहा कि टीके महत्वपूर्ण हैं ‘‘लेकिन उनके उत्पादन और उन्हें उपलब्ध कराने में समय लगता है। हम ऐसे चरण से गुजर रहे जब आपूर्ति सीमित है।’’ उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय की एक ब्रीफिंग में कहा, ‘‘इसीलिए हमने प्राथमिकता तय की। इसीलिए (जब) भारत सरकार द्वारा नि: शुल्क टीके दिए गए, मुख्य ध्यान जोखिम वाले आयु समूहों पर था। हमें यह ध्यान रखना होगा।’’
हालांकि, अधिकारी ने कहा कि वर्ष के अंत तक देश की पूरी जनसंख्या के टीकाकरण के लिए देश में टीके की पर्याप्त खुराक होगी। पॉल ने कहा, ‘‘भारत और देश के लोगों के लिए देश में पांच महीनों में दो अरब से अधिक खुराक बनाई जाएंगी। टीका सभी के लिए उपलब्ध होगा।’’ उन्होंने कहा कि अगले साल की प्रथम तिमाही तक यह संख्या तीन अरब होने की संभावना है।