देश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई। दरअसल, देश में कोरोना के इलाज की व्यवस्था पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की जिसमें कोर्ट ने कोरोना की रोकथाम में राज्यों की लापरवाही पर नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यहां सुनवाई कर रहे हैं और बाहर 80 फीसदी लोग या तो बिना मास्क के घूम रहे हैं या उसे मुंह से नीचे लटका रखा है। सरकार ने बस SOP बना दिया है, उसके पालन की फिक्र किसी को नहीं है। हालात दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। केंद्र और राज्य कोरोना महामारी को लेकर चिंतित ही नहीं लगते हैं। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर राज्यों को और सख्त होना पड़ेगा, देश के 10 राज्यों में कोरोना वायरस के 70 फीसदी केस हैं। इसके साथ ही गुजरात के राजकोट जिले में एक कोविड अस्पताल में लगी भीषण आग पर भी सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट भी मामले को देख रहा है। वहीं मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पूरे देश की स्थिति पर संज्ञान ले रहे हैं, इस तरह की घटनाएं स्वीकार्य नहीं हैं।
बता दें कि देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) से 43 हजार से अधिक लोगों के स्वस्थ होने के साथ इससे निजात पाने वालों की संख्या 87.18 लाख के पार पहुंच गयी। देश में रिकवरी दर 93 से अधिक हो गयी है। लेकिन इस दौरान स्वस्थ होने वालों की तुलना में नए मामलों की संख्या अधिक रही जिससे सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी हुई है। देश में शुक्रवार तक 43,082 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 93,09,78 पहुंच गयी। इसके साथ ही सक्रिय मामलों की संख्या 4,55,555 हो गयी है वहीं कोरोना मुक्त होने वालों की संख्या 87 लाख के पार है।