सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि ‘ओवर दी टॉप’ (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर कई बार किसी न किसी तरह की अश्लील सामग्री दिखाई जाती है और इस तरह के कार्यक्रमों पर नजर रखने के लिए एक व्यवस्था की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने OTT प्लैटफॉर्म्स की स्क्रीनिंग पर ज़ोर देते हुए यह बात कही।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह सोशल मीडिया के नियमन संबंधी सरकार के हालिया दिशा-निर्देशों के बारे में शुक्रवार को जानकारी दें। इसी दिन अमेजन प्राइम की इंडिया प्रमुख अर्पणा पुरोहित की अग्रिम जमानत के लिए याचिका पर भी सुनवाई हो सकती है।
पुरोहित ने अपनी याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 25 फरवरी के आदेश को चुनौती दी है जिसमें वेब श्रंखला ‘तांडव’ को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के सिलसिले में दिए गए अग्रिम जमानत के उनके अनुरोध को सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था। पीठ ने कहा, ‘‘संतुलन कायम करने की आवश्यकता है क्योंकि कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री भी दिखाई जा रही है।’’
पुरोहित की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अपनी मुवक्किल के खिलाफ मामले को ‘‘हैरान करने वाला’’ बताया और कहा कि वह तो अमेजन की एक कर्मचारी हैं, न कि निर्माता या कलाकार लेकिन फिर भी उन्हें देशभर में वेब श्रंखला तांडव से जुड़े करीब दस मामलों में आरोपी बना दिया गया।