सुप्रीम कोर्ट ने साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने के आरोप में पत्रकार पैट्रिशिया मुखिम के खिलाफ FIR रद्द की - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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सुप्रीम कोर्ट ने साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने के आरोप में पत्रकार पैट्रिशिया मुखिम के खिलाफ FIR रद्द की

उच्चतम न्यायालय ने फेसबुक पोस्ट के जरिए कथित तौर पर साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने के लिए पत्रकार पैट्रिशिया मुखिम के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी बृहस्पतिवार को रद्द कर दी।

उच्चतम न्यायालय ने फेसबुक पोस्ट के जरिए कथित तौर पर साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने के लिए पत्रकार पैट्रिशिया मुखिम के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी बृहस्पतिवार को रद्द कर दी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने मेघालय उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मुखिम की याचिका पर सुनवाई की। मेघालय उच्च न्यायालय ने मुखिम के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया था। 
पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘हमने अपील को मंजूर कर लिया है।’’ न्यायालय ने 16 फरवरी को मामले में सुनवाई पूरी की थी और कहा था फैसला बाद में सुनाया जायेगा। मुखिम के वकील ने उच्चतम न्यायालय में दलील दी थी कि तीन जुलाई 2020 को एक जानलेवा हमले से जुड़ी घटना के संबंध में किए गए पोस्ट के जरिए वैमनस्य या संघर्ष पैदा करने का कोई इरादा नहीं था। 
मेघालय सरकार के वकील ने उच्चतम न्यायालय में पहले दावा किया था कि नाबालिग लड़कों के बीच झगड़े को ‘‘साम्प्रदायिक रंग’’ दिया गया और मुखिम के पोस्ट दिखाते हैं कि यह आदिवासी और गैर आदिवासी लोगों के बीच एक साम्प्रदायिक घटना थी। 
पिछले साल 10 नवंबर को मेघालय उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने एक पारंपरिक संस्थान लॉसोहतुन दरबार शनोंग द्वारा दायर प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया था। मुखिम ने एक बास्केटबॉल कोर्ट में पांच लड़कों पर हमले के बाद ‘‘जानलेवा हमला करने वाले लोगों’’ की पहचान करने में नाकाम रहने के लिए फेसबुक पर लॉसोहतुन गांव की परिषद ‘दरबार’ पर निशाना साधा था। 
इस मामले में 11 लोगों को पकड़ा गया और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। गांव की परिषद ने पिछले साल छह जुलाई को मुखिम के फेसबुक पोस्ट के लिए उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी और आरोप लगाया कि उनके बयान ने साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाया और संभवत: साम्प्रदायिक संघर्ष भड़काया। 

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