तहलका पत्रिका के संस्थापक तरुण तेजपाल की अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में तय आरोपों को रद्द करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया है। तेजपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मुकदमा चलेगा। साथ ही कोर्ट का कहना है कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने की अवधि में पूरी होगी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछली सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट ने तेजपाल के वकील पूछा था कि अगर उनके खिलाफ यौन शौषण का आरोप झूठा है, तो उन्होंने सहकर्मी से माफी क्यों मांगी? वकील ने कहा था कि तेजपाल पर लगे आरोप में कोई सच्चाई नहीं है।
जानकारी के लिए बता दें की 2017 में गोवा की निचली अदालत ने तरुण तेजपाल पर रेप और यौन उत्पीड़न सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए थे, जिसे तेजपाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी थी। तेजपाल पर महिला सहकर्मी से रेप और यौन उत्पीड़न का आरोप है।
तेजपाल पर आरोप है कि उन्होंने 2013 में गोवा के एक पांच सितारा होटल के एलिवेटर में अंदर पूर्व महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया था। ‘तहलका’ पत्रिका के संस्थापक ने हालांकि इन सभी आरोपों से इनकार किया है। कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद तेजपाल को अपराध शाखा ने 30 नवम्बर 2013 को गिरफ्तार किया था। वह मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं।