उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्र और विमान कंपनियों से कहा कि वे कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रद्द करायी गयी टिकटों का पूरा पैसा लौटाने के तौर तरीकों पर विचार करें।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुये केन्द्र से कहा कि इस मुद्दे पर साफ रूख अपनाये और पूरा पैसा लौटाने का रास्ता खोजें।
गैर सरकारी संगठन प्रवासी लीगल सेल ने इस मामले को लेकर न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है। इसी दौरान यह मुद्दा भी उठाया गया कि कोविड-19 की वजह से दुनिया भर में विमान कंपनियां संकट से गुजर रही हैं और ऐसी स्थिति में लंबित मामले में उन्हें भी सुना जाये।
शीर्ष अदालत इस मामले में अब तीन सप्ताह बाद आगे सुनवाई करेगी। न्यायालय ने लॉकडाउन की वजह से रद्द करायी गयी टिकटों का पूरा पैसा वापस कराने के लिये दायर याचिका पर सोमवार को केन्द्र और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से जवाब मांगा था।
याचिका में कहा गया था कि रद्द करायी गयी टिकटों का पूरा पैसा नहीं लौटाने की विमान कंपनियों की कार्रवाई को प्राधिकारी द्वारा जारी नागरिक उड्डयन अनिवार्यताओं का उल्लंघन करार दिया जाये।
याचिका के अनुसार टिकट रद्द कराये जाने के मामलों में विमान कंपनियां पूरा पैसा लौटाने की बजाये एक साल की वैधता वाला क्रेडिट दे रही हैं जो नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के मई, 2008 के प्रावधान के खिलाफ है।