नई दिल्ली : फाइनैंशल रेजॉलूशन ऐंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (FRDI) बिल जिसके आने से पहले ही देशभर के बैंक कस्टमर्स में हड़कंप मच गया था। लेकिन अब मोदी सरकार ने बिल वापस ले लिया है। सदन में वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने उक्त विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव किया। इसमें विफल बैंकों के संबंध में समाधान के मार्ग के तहत राहत तथा बैंक जमा पर बीमा कवर के प्रस्ताव को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही थीं।
विधेयक को 10 अगस्त 2017 को सदन में पेश किया गया था और इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था। पिछले सप्ताह समिति ने संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की थी और सरकार के इस विधेयक को वापस लेने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की थी। इसके तहत करस्थ वित्तीय सेवा प्रदाता के कतिपय प्रवर्गो, वित्तीय सेवाओं के कतिपय प्रवर्गो के उपभोक्ता के निक्षेप बीमा, प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय संस्था को अभिहित करना तथा विनिर्दिष्ट सेवा प्रदाताओं को उपभोक्ता के संरक्षण के लिये समाधान निगम की स्थापना का प्रावधान किया गया था।
वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और आघात सहने की क्षमता को सुनिश्चित करने के लिये लोक निधि के लिये समाधान निकालने का भी प्रावधान किया गया था। आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में फैसला किया था कि इस विधेयक को वापस लिया जाएगा। इस विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर चिंता जताई गई थी कि उनसे जमाकर्ताओं के हितों को नुकसान होगा। रॉय ने कहा कि विधेयक को वापस लेने का सरकार का फैसला विपक्ष के लिए जीत है।