राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को पड़ोसी देशों को आगाह किया कि भारत की आस्था शांति में है, लेकिन यदि कोई अशांति पैदा करने की कोशिश करेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
श्री कोविंद ने 74वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम सम्बोधन में चीन का नाम लिये बिना कहा कि जब कोरोना जैसी महामारी से विश्व समुदाय को एक साथ निपटने की आवश्यकता है, तब पड़ोसी देश ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया।
उन्होंने कहा, “आज विश्व समुदाय, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’, अर्थात् ‘समस्त विश्व एक ही परिवार है’ की उस मान्यता को स्वीकार कर रहा है, जिसका उद्घोष हमारी परंपरा में बहुत पहले ही कर दिया गया था। आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया।
सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे।” राष्ट्रपति ने गलवान घाटी में शहीदोंं को नमन करते हुए कहा, “पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है।
हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है। उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि यद्यपि हमारी आस्था शांति में है, फिर भी यदि कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। हमें अपने सशस्त्र बलों, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों पर गर्व है जो सीमाओं की रक्षा करते हैं, और हमारी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।”