हिंसा से चिकित्सकों को बचाने के लिए विशेष कानून लाने पर विचार किया जाए : हर्षवर्द्धन - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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हिंसा से चिकित्सकों को बचाने के लिए विशेष कानून लाने पर विचार किया जाए : हर्षवर्द्धन

2017 को राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र का भी जिक्र किया, जिसमें एक अंतर-मंत्रालय कमेटी के फैसले का उल्लेख किया गया था।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को किसी भी तरह की हिंसा से बचाने के लिए राज्यों से विशेष कानून लाने पर विचार करने को शनिवार को कहा। पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों पर हुए हालिया हमले के मद्देनजर हर्षवर्द्धन ने यह बात कही। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को एक पत्र के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा मुहैया किया गया मसौदा अधिनियम – चिकित्सा सेवा जन एवं चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा एवं संपत्ति को क्षति या नुकसान से रोक) अधिनियम, 2017- की एक प्रति भी संलग्न की। उन्होंने डॉक्टरों पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मुद्दे पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का ध्यान आकृष्ट किया।

 आईएमए द्वारा चार दिनों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुक्रवार से शुरू किए जाने और अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून लाने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मांग किए जाने के बाद हर्षवर्द्धन ने यह कदम उठाया है। हर्षवर्द्धन ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टरों पर हमले की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसने चिकित्कों को अचानक से हड़ताल पर जाने को मजबूर किया है। 

इससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि देश के कई हिस्सों में रेजीडेंट डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों का आंदोलन व्यापक रूप ले रहा है और यह देश भर के सरकारी एवं निजी क्षेत्र के डॉक्टरों की हड़ताल में तब्दील हो रहा है। आईएमए और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने शनिवार को हर्षवर्द्धन से मुलाकात की। 

हर्षवर्द्धन ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टालने की जरूरत का जिक्र करते हुए कहा कि कानून होना चाहिए, ताकि डॉक्टर और अस्पताल अपने कर्तव्य निभा सकें तथा चिकित्साकर्मी किसी हिंसा का सामना किए बगैर अपना काम कर सकेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सख्त कार्रवाई सुनश्चित की जाए। 

उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सात जुलाई 2017 को राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र का भी जिक्र किया, जिसमें एक अंतर-मंत्रालय कमेटी के फैसले का उल्लेख किया गया था। आईएमए द्वारा उठाए गए मुद्दों की समीक्षा के लिए मंत्रालय ने यह कमेटी गठित की थी। 

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि पुलिस और लोक व्यवस्था राज्य सूची के विषय हैं, इसलिए भारत सरकार ने कई मौकों पर एक मजबूत आपराधिक न्याय प्रणाली की ओर राज्य सरकारों का ध्यान आकृष्ट किया है, जिसमें अपराध की रोकथाम और नियंत्रण पर जोर दिया गया है।’’ 

हर्षवर्द्धन ने पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों पर हमले की हालिया घटना के सिलसिले में वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शुक्रवार को एक पत्र भी लिखा था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को किसी भी तरह की हिंसा से बचाने के लिए राज्यों से विशेष कानून लाने पर विचार करने को शनिवार को कहा। पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों पर हुए हालिया हमले के मद्देनजर हर्षवर्द्धन ने यह बात कही।

 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को एक पत्र के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा मुहैया किया गया मसौदा अधिनियम – चिकित्सा सेवा जन एवं चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा एवं संपत्ति को क्षति या नुकसान से रोक) अधिनियम, 2017- की एक प्रति भी संलग्न की। उन्होंने डॉक्टरों पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मुद्दे पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का ध्यान आकृष्ट किया। 

आईएमए द्वारा चार दिनों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुक्रवार से शुरू किए जाने और अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून लाने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मांग किए जाने के बाद हर्षवर्द्धन ने यह कदम उठाया है। हर्षवर्द्धन ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टरों पर हमले की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसने चिकित्कों को अचानक से हड़ताल पर जाने को मजबूर किया है। 

इससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि देश के कई हिस्सों में रेजीडेंट डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों का आंदोलन व्यापक रूप ले रहा है और यह देश भर के सरकारी एवं निजी क्षेत्र के डॉक्टरों की हड़ताल में तब्दील हो रहा है। आईएमए और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने शनिवार को हर्षवर्द्धन से मुलाकात की। 

हर्षवर्द्धन ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टालने की जरूरत का जिक्र करते हुए कहा कि कानून होना चाहिए, ताकि डॉक्टर और अस्पताल अपने कर्तव्य निभा सकें तथा चिकित्साकर्मी किसी हिंसा का सामना किए बगैर अपना काम कर सकेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सख्त कार्रवाई सुनश्चित की जाए। 

उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सात जुलाई 2017 को राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र का भी जिक्र किया, जिसमें एक अंतर-मंत्रालय कमेटी के फैसले का उल्लेख किया गया था। 

आईएमए द्वारा उठाए गए मुद्दों की समीक्षा के लिए मंत्रालय ने यह कमेटी गठित की थी। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि पुलिस और लोक व्यवस्था राज्य सूची के विषय हैं, इसलिए भारत सरकार ने कई मौकों पर एक मजबूत आपराधिक न्याय प्रणाली की ओर राज्य सरकारों का ध्यान आकृष्ट किया है, जिसमें अपराध की रोकथाम और नियंत्रण पर जोर दिया गया है।’’ हर्षवर्द्धन ने पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों पर हमले की हालिया घटना के सिलसिले में वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शुक्रवार को एक पत्र भी लिखा था। 

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