कृषि-खाद्य प्रसंस्करण समिट में बोले तोमर- किसानों को मिलने लगा है नए कृषि कानूनों का लाभ - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कृषि-खाद्य प्रसंस्करण समिट में बोले तोमर- किसानों को मिलने लगा है नए कृषि कानूनों का लाभ

समिट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि भारत की लगभग आधी आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है और कृषि-अर्थव्यवस्था की प्रगति, देश की तरक्की और देश की अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़ी हुई है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यहां मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कानूनों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में शुरू किए गए सुधारों का लाभ देश के किसानों को मिलने लगा है। केंद्रीय कृषि मंत्री एग्रोविजन फाउंडेशन द्वारा वर्चुअल माध्यम से आयोजित कृषि-खाद्य प्रसंस्करण समिट में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के कारण कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निकट भविष्य में रोजगार के काफी अवसर पैदा होंगे। समिट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि भारत की लगभग आधी आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है और कृषि-अर्थव्यवस्था की प्रगति, देश की तरक्की और देश की अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि ही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा इस क्षेत्र की समृद्धि के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। तोमर ने कहा, “सरकार ने नए कृषि कानून बनाए और आवश्यक वस्तु अधिनियम में भी महत्वपूर्ण संशोधन किया और किसानों को इनका लाभ मिलना भी शुरू हो गया है।” दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे किसानों के संगठनों की ओर से इन कानूनों को रद्द करने की मांग की जा रही है।
किसानों के इस आंदोलन के संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री ने यहां कहा, “कुछ किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं, जिन्हें किसानों को मिलने वाले फायदे समझाए जा रहे हैं। आने वाले वर्षो में कृषि जगत को इन सुधारों का काफी फायदा मिलेगा और किसानों के लिए ये अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होंगे।” तोमर ने कहा कि देश में 10 हजार नए एफपीओ बनाने का काम भी शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा, “एफपीओ का यह नया संसार बनने वाला है, जिससे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इन एफपीओ पर सरकार अगले पांच साल में 6,850 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। इनके माध्यम से किसानी की लागत कम होगी, किसान टेक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे, महंगी फसलों की ओर आकर्षित होंगे, जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठेगा और इसका फायदा अंतत: देश को ही मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्च र फंड बनाया है और इस फंड से जैसे-जैसे गांवों में बुनियादी संरचरनाएं तैयार होंगी, किसानों को इसका लाभ मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ेगा और कोल्ड स्टोरेज गांव-गांव होंगे तो किसान अपनी उपज कुछ समय रोककर भी बेच सकेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने अनेक योजनाएं व कार्यक्रम लागू किए हैं। उन्होंने कहा कि मेगा फूड पार्क की योजना को प्रमुखता दी जा रही है और इसके मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा रहा है।
तोमर ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) में 6000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ एक मजबूत आधुनिक बुनियादी ढांचा नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य रखा है। पीएमकेएसवाई के तहत मंत्रालय ने वर्ष 2014 से, बीते छह साल में 640 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से लगभग ढाई सौ पूरी हो चुकी हैं। इनमें 21 मेगा फूड पार्क, लगभग पौने दो सौ कोल्ड चेन व मूल्यवर्धन बुनियादी ढांचा, करीब 50 प्रसंस्करण इकाइयां और अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। साथ ही, 55 से ज्यादा कृषि-प्रसंस्क,रण क्लस्टर्स को भी मंजूरी दी गई है।
कृषि मंत्री ने कहा कि इन सबसे लाखों किसानों को फायदा हो रहा है, वहीं रोजगार के अवसर भी काफी बढ़े हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने जून, 2020 में क्षेत्र में ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन नाम से योजना शुरू की है, जिसमें पाच साल में 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
उन्होंने बताया कि ‘क्रेडिट लिंक्ड द सब्सिडी’ के जरिये दो लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों को लाभ पहुंचाने व ‘एक जिला-एक उत्पाद’ का दृष्टिकोण अपनाने के लिए लक्षित इस क्षेत्र में यह पहली योजना है। 30 राज्यों ने 683 जिलों में 141 उत्पाद अनन्यता के लिए ओडीओपी की सिफारिश की है।

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