1 – अमेरिका चुनाव 2020 : राष्ट्रपति बनने से सिर्फ 6 कदम दूर जो बाइडेन, वोटों की गिनती रोकने के लिए कोर्ट पहुंचे ट्रंप
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन को सिर्फ छह इलेक्टोरल वोटों की जरूरत है। यह जानकारी फॉक्स न्यूज ने दी है। फॉक्स न्यूज ने अनुमान लगाया है कि मिशिगन राज्य में जीत हासिल करने के बाद बाइडेन को राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए महज छह इलेक्टोरल वोटों की जरूरत है। फॉक्स न्यूज के अनुसार 99 प्रतिश बैलेट वोटों की गितनी में बाइडेन को 49.9 प्रतिशत और डोनाल्ड ट्रंप को 48.6 प्रतिशत मत मिले हैं। बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए 270 इलेक्टोरल वोटों की जरूरत होती है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिशिगन में वोटों की गिनती रोकने के लिए अदालत पहुंच गए हैं। यह जानकारी ट्रंप के प्रबंधक बिल स्टीफन ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि ट्रंप ने मिशिगन में वोटों की गिनती रोकने के लिए अदालत में अपील की है।
2 – LAC : पूर्वी लद्दाख में तैनात जवानों को मिले विशेष कपड़े
LAC पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने अपने सैनिकों को और मजबूत किया है। पूर्वी लद्दाख में कंपकपी सर्दी के साथ सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए अमेरिका से कपड़े इम्पोर्ट किया गया हैं। अब कंपकंपाती ठंड में भी भारतीय सेना के जवान पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों से डटकर मुकाबला करेंगे। रक्षा सूत्रों द्वारा बुधवार को जारी एक तस्वीर में दिखाया गया कि भारतीय सेना के एक जवान ने हाल ही में आर्मी को मिले एसआईजी सॉयर असॉल्ट राइफल के साथ सफेद पोशाक पहना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगलवार को भारतीय सेना को अमेरिका से अत्यधिक ठंडे मौसम के कपड़ों का पहला बैच मिला है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने सियाचिन और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पश्चिमी मोर्चों सहित पूरे लद्दाख क्षेत्र में तैनात सैनिकों के लिए इन कड़क ठंड के मौसम के कपड़ों के सेट का 60,000 का स्टॉक रखा है। एलएसी पर चीनी आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए इस क्षेत्र में करीब 90,000 सैनिक तैनात हैं। बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच जारी तनाव के दौरान दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच आठवें दौर की वार्ता छह नवंबर को चुशुल में होगी।
3 – बिहार चुनाव 2020 : आज थमेगा चुनाव प्रचार का शोर
बिहार चुनाव की 78 सीटों पर चुनाव प्रचार का शोर गुरुवार की शाम छह बजे थम जाएगा। तीसरे चरण का चुनाव 15 जिलों में होना है। इस चरण के चुनाव क्षेत्रों में चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार मतदान की समाप्ति के 48 घंटे पूर्व चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। तीसरे चरण के चुनाव प्रचार को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान सहित अन्य प्रमुख नेता लगातार चुनावी सभाओं में मतदाताओं को गोलबंद करने में जुटे हैं। बता दें कि इन 15 जिलों में होगा तीसरे चरण का चुनाव : पश्चिम चंपारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, दरभंगा, वैशाली, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर।
4 – मध्यप्रदेश : सुप्रीम कोर्ट ने बागी कांग्रेस विधायको को मंत्री पद से हटाने की याचिका की खारिज
कांग्रेस विधायक ने शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली भाजपा सरकार में मंत्री पद जारी रखने के लिए 12 कांग्रेस विधायक जो भाजपा में शामिल हुए, उनको को प्रतिबंधित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसे बुधवार को कोर्ट ने खारिज कर दिया। हाल ही में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद इन विधायकों को भाजपा के टिकट पर नए सिरे से चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई। सीजेआई एसए बोबडे की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने जबलपुर (उत्तर) निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के एक विधायक विनय सक्सेना द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका मार्च में दायर की गई थी। मार्च में राज्य में कमलनाथ सरकार के पतन के कारण भाजपा में शामिल होने के लिए जाने वाले बीसियों विधायकों ने भाग लिया था।
5 – कोरोना वायरस : जल्द ठीक होने वाले मरीजों में बनी रहती है प्रभावी प्रतिरोधक क्षमता
अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 के उन मरीजों के उप समूह की पहचान की है, जो जल्दी ठीक हुए और शरीर में विकसित एंटीबॉडी ने कोरोना वायरस के खिलाफ तेजी से काम किया। उनके अनुसार कुछ लोग जो कोविड-19 से जल्दी ठीक हो जाते हैं, उनमें वायरस के खिलाफ प्रभावी और लंबे समय तक लड़ने की प्रणाली विकसित होती है। मौजूदा अनुसंधान के नतीजों को जर्नल सेल में प्रकाशित किया गया है। इसमें रेखांकित किया गया है कि लंबे समय तक कायम रहने वाले एंटीबॉडी कम समय तक लक्षण वालों में विकसित होते हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इससे प्रतिरोधक प्रणाली के काम करने के तरीके की जानकारी और बीमारी के खिलाफ टीका विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने पाया कि जहां एक ओर अधिकतर मरीजों में समय के साथ एंटीबॉडी के स्तर में कमी आ जाती है, वहीं कुछ लोगों में इस एंटीबॉडी का स्तर संक्रमण के बाद भी कई महीनों तक बना रहता है।