1 – Bihar election 2020 : चिराग पासवान का निशाना, लोजपा ने की घोषणा- वह हर उस सीट पर लड़ेगी, जहां जदयू प्रत्याशी होंगे।
पहली बार अकेले चुनाव मैदान में उतरी लोजपा की चुनावी रणनीति भी बिल्कुल अलग है। चिराग पासवान एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ेंगे, उनकी पार्टी लोजपा उन सभी सीटों पर लड़ेगी, जहां जदयू होगी। बता दें कि वह केंद्र में एनडीए का हिस्सा है, पर बिहार में अकेले चुनाव लड़ रही है। सिर्फ इतना ही नहीं, वह एनडीए के एक घटक के खिलाफ चुनाव लड़ रही है, तो उसे दूसरे दल के समर्थन में वोट मांगने से भी परहेज नहीं है। लोक जनशक्ति पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में एक तीर से दो निशाने साध रही है। जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोलकर लोजपा सरकार विरोधी वोट में सेंध लगाना चाहती है, वहीं उसकी कोशिश है कि इन सीट पर भाजपा समर्थक वोट उसके पाले में आ जाए ताकि जेडीयू को झटका लग सके। आंकड़े बताते हैं कि जदयू-भाजपा गठबंधन का ज्यादा फायदा भाजपा को मिलता है। वर्ष 2015 के चुनाव में कई ऐसी सीट थी, जहां भाजपा ने बहुत अच्छा चुनाव लड़ा था, पर वह जेडीयू से हार गई।
2 – COVID – 19 : लगातार 3 सप्ताह से कोविड-19 को मात देने वाले अधिक, नए मरीज आ रहे कम
पिछले कुछ दिनों से न सिर्फ कोरोना वायरस के नए मामलों में कमी देखने को मिल रही है, बल्कि इस महामारी को मात देने वालों की संख्या में भी बड़ा इजाफा देखने को मिल रहा है। सितंबर में जिस तरह से कोरोना के आकड़े देखने को मिले उस हिसाब से अक्टूबर इस मामले में सुकून देने वाला है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो बीते कुछ सप्ताह से देश में जितने कोरोना के नए केस मिल रहे हैं, उससे अधिक मरीज ठीक हो जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले लगातार तीन सप्ताह से कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, कोरोना के नए मामलों से अधिक है। यानी पिछले लगातार तीन सप्ताह से कोरोना से संक्रमित होने वालों से अधिक महामारी से ठीक होने वालों का आंकड़ा सामने आ रहा है। कुल 15032 टेस्ट में पिछले संक्रमण की पुष्टि वाले संक्रमितों सहित कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या 1510 हो गई थी। यानी सोमवार से मंगलवार के बीच में 51 नए कोरोना के पाजिटिव सामने आए। जबकि मंगलवार से बुधवार के बीच में यह संख्या 17 रही।
3 – J&K : नए सिरे से योजना तैयार, आतंकवादियों को घेर घेर कर मारेंगे सुरक्षाबल
CRPF दक्षिणी कश्मीर में आतंकियों की रीढ़ तोड़ने के लिए मजबूत रणनीति बना रहा है। सुरक्षा बल दक्षिणी कश्मीर के कई इलाकों में अपने स्थायी कैंप बनाना चाहता है। वहीं, कई अन्य इलाकों में भी अपने अस्थायी कैंप के जरिये आतंकियों पर दबाव बनाने की योजना बनाई गई है। सूत्रों ने कहा जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में सुरक्षाबल, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना मिलकर आतंकियों की कमर तोड़ने में कामयाब हुए हैं। लेकिन दक्षिण कश्मीर के कई इलाके ऐसे हैं जहां अभी भी आतंकियों को पनाह मिल रही है। इसके अलावा पूरे कश्मीर के लिए सुरक्षा बल ने आतंकरोधी रणनीति नए सिरे से तैयार की है। सूत्रों ने कहा, कश्मीर में 20 स्थानों की सूची प्रदान की गई है, जहां प्रस्तावित बटालियन कैंप स्थापित किए जाने हैं। जम्मू के भी कुछ इलाकों में कैंप स्थापित करने का प्रस्ताव है। पुलवामा और शोपियां, श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बांदीपोरा, बारामूला, कुपवाड़ा, कुलगाम में कई स्थानों पर बटालियन कैंप स्थापित करने का प्रस्ताव है। बता दें कि पाकिस्तान घाटी में अस्थिरता के लिए पूरा जोर लगा रहा है।
4 – रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर आज पटना लाया जाएगा, कल होगा अंतिम संस्कार
केंद्रीय मंत्री और एलजेपी के संस्थापक राम विलास पासवान का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार रात निधन हो गया। 74 वर्षीय पासवान ने दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। रामविलास पासवान के निधन की पुष्टि उनके बेटे और एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ”पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। मिस यू पापा।” आपको बता दें कि उनके पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट से लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को पटना लोजपा कार्यालय से विधानसभा ले जाया जाएगा। रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार पटना में ही होगा। बता दें कि पिछले कई दिनों से वह दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे। अभी कुछ दिनों पहले ही उनके दिल का ऑपरेशन भी हुआ था। राम विलास पासवान पांच दशक से अधिक समय से सक्रिय राजनीति में थे और देश के जाने-माने दलित नेताओं में से एक थे। पासवान उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री थे।
5 – WINTER : हर दिन 15000 कोरोना मामलों के लिए दिल्ली को तैयार करने की जरूरत: रिपोर्ट
NCDC द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में आगामी सर्दियों और त्यौहारों में प्रति दिन 15,000 COVID-19 मामलों के सामने आने की संभावना है। रिपोर्ट में चिंता करने के तीन कारणों पर प्रकाश डाला गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ सकता है। सर्दियों के महीने जो सांस की बीमारियों को गंभीर बनाते हैं; मरीज बड़ी संख्या में दिल्ली के बाहर से आ सकते हैं; दूर के क्षेत्रों से आने वाले रोगियों के अधिक गंभीर होने की संभावना है। इसके अलावा, त्योहार-संबंधी समारोहों के साथ, मामलों में अचानक वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि दिल्ली सरकार को लगभग 15,000 कोरोना पॉजिटिव मामलों की दैनिक वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए और मध्यम और गंभीर बीमारी वाले रोगियों के इनफ्लुएंट एडमिशन की व्यवस्था करनी चाहिए। एनसीडीसी ने अपनी ‘कोविड-19 के नियंत्रण के लिए संशोधित रणनीति के संस्करण 3.0’ में यह भी बताया कि दिल्ली में समग्र कोविड-19 मामले में मृत्यु दर 1.9 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 1.5 प्रतिशत से अधिक है।