1 – कांग्रेस में नहीं थम रहा घमासान, प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग तेज
पार्टी नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल पर निशाना साधने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। इस बीच, पार्टी में यह राय भी जोर पकड़ रही है कि कांग्रेस को गठबंधन में मजबूत सीट पर ही चुनाव लड़ना चाहिए। लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कांग्रेस पार्टी और आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता को लेकर बहुत चिंतित हैं। पर हमने बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात चुनाव में उनका चेहरा नहीं देखा। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तारिक अनवर और सलमान खुर्शीद भी सिब्बल को नसीहत दे चुके हैं। पार्टी नेता मानते हैं कि गठबंधन में अधिक सीट पर चुनाव लड़ने की कोशिश में कई ऐसी सीट ले लेते है, जिस पर जीत की कोई संभावना नहीं होती है। दूसरी तरफ, बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा को हटाने की मांग जोर पकड़ रही हैं।
2 – वैक्सीन : हेपेटाइटिस-सी की दवाओं से कोविड का इलाज संभव, इस नए अध्ययन में दावा
स्ट्रक्चर नामक विज्ञान पत्रिका में छपे एक अध्ययन में यह दावा किया गया है की कोरोना वायरस के इलाज में हेपेटाइटिस-सी की दवाएं कारगर हैं। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि हेपेटाइटिस-सी की दवाओं में एक विशेष एंजायम मौजूद है, जो इंसानी कोशिकाओं में कोरोना वायरस को अपनी संख्या बढ़ाने से रोकने की क्षमता रखता है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग की ओक रिज राष्ट्रीय प्रयोगशाला में यह अध्ययन किया गया। शोध में पाया कि हेपेटाइटिस-सी की दवा से कोरोना वायरस के मुख्य प्रोटीज को नष्ट किया जा सकता है। प्रोटीज एक महत्वपूर्ण प्रोटीन एंजायम है जो कोरोना वायरस को प्रजनन की शक्ति देता है।
3 – भारत के फैसले पर बंटे हैं एक्सपर्ट्स, कुछ ने बताया राजनीतिक मजबूरी, तो कुछ ने राष्ट्रहित में
भारत ने पिछले साल नवंबर में ही आरसेप में नहीं शामिल होने का फैसला किया था। तब से कोई बदलाव नहीं हुआ। बता दें कि भारतीय बाजार में चीन की दखल बढ़ने की आशंका और घरेलू दबाव के बीच आरसीईपी में शामिल होने का मसला भारत के लिए दोधारी तलवार बना हुआ है। विभाजित राजनीतिक राय के बीच जानकार भी भारत के फैसले को लेकर बंटे हुए हैं। स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठन इस फैसले को पूरी तरह राष्ट्रहित में बता रहे हैं। संगठन के सह संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा कि भारत का फैसला राष्ट्रहित में है। लेकिन जापान जैसे उन देशों का फैसला अटपटा है जो ये कह रहे थे कि भारत के बिना वे इस समूह में शामिल नही होंगे। प्रधानमंत्री मोदी का यह निर्णय आत्मनिर्भर भारत, डेयरी, मैन्यूफैक्चरिंग, एग्रीकल्चर आदि इंडस्ट्रीज के हितों की रक्षा करेगा।
4 – नेपाल : आरोपों का जवाब देने को केपी ओली ने मांगा 10 दिन का समय
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय सचिवालय की बहुप्रतीक्षित महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को हुई, लेकिन गतिरोध दूर नहीं हो सका। पार्टी परामर्श के बगैर सरकार चलाने के पुष्प कमल दहल प्रचंड के आरोपों के जवाब में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अलग राजनीतिक दस्तावेज पेश करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है। प्रधानमंत्री ओली के आधिकारिक निवास पर जैसे ही बैठक शुरू हुई, ओली ने सचिवालय के सदस्यों से कहा कि वह 28 नवंबर की बैठक में अलग राजनीतिक दस्तावेश पेश करेंगे। बैठक में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड द्वारा दिए गए 19 पन्नों की राजनीतिक रिपोर्ट पर चर्चा होने की संभावना थी। बता दें कि ओली और उनके प्रतिद्वंद्वी प्रचंड के बीच 31 अक्टूबर को बैठक में तथा सीपीएन में मतभेद सामने आने के बाद यह बैठक हुई थी। ओली ने मौजूदा सत्ता संघर्ष के समाधान के लिए केंद्रीय सचिवालय की बैठक बुलाने के प्रचंड के अनुरोध को भी ठुकरा दिया था।
5 – हार की समीक्षा की मांग के बीच कांग्रेस के कई नेताओं ने इस्तीफे की पेशकश की
पार्टी के कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चुनाव में खराब प्रदर्शन की समीक्षा करने के ऐलान के बाद कई पार्टी नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। बता दें कि बिहार कांग्रेस के कई नेता चुनाव में टिकट बटवारे पर सवाल उठा चुके है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा सहित कई दूसरे प्रदेश कांग्रेस के नेताओ में भी अपने पद से त्यागपत्र देने की पेशकश की है। इसके साथ प्रदेश कांग्रेस के नेता भी चुनाव में खराब प्रदर्शन की समीक्षा की मांग कर रहे है। पार्टी महासचिव तारिक अनवर भी हार के कारणों पर विचार की वकालत कर चुके है। बिहार में पार्टी 70 सीट पर चुनाव लड़ी थी और उसे सिर्फ 19 सीट हासिल हुई।