पंजाब केसरी दिल्ली के मुख्य संपादक और पूर्व भाजपा सांसद श्री अश्विनी कुमार जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

पंजाब केसरी दिल्ली के मुख्य संपादक और पूर्व भाजपा सांसद श्री अश्विनी कुमार जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

शहीदों और निर्भीक पत्रकारों के परिवार की परंपरा के चमकते सितारे अश्विनी कुमार अमर शहीद लाला जगत नारायण के पौत्र और शहीद रमेश चंद्र के पुत्र थे। अश्विनी कुमार को अपने निर्भीक विचारों उनकी स्वतंत्र लेखनी के लिये जाना जाता रहा है।

शहीदों और निर्भीक पत्रकारों के परिवार की परंपरा के चमकते सितारे अश्विनी कुमार अमर शहीद लाला जगत नारायण के पौत्र और शहीद रमेश चंद्र के पुत्र थे। अश्विनी कुमार को अपने निर्भीक विचारों उनकी स्वतंत्र लेखनी के लिये जाना जाता रहा है। उन्होंने पत्रकारिता में उच्चतम मानक स्थापित किये और देश के शीर्ष हिंदी दैनिक समाचार पत्र पंजाब केसरी में उनके विशेष संपादकीय के करोड़ों लोग दीवाने हैं। 
1579339643 whatsapp image 2020 01 18 at 14.22.37
अश्विनी कुुमार अपने कॉलम के जरिये गरीबों और मजलूमों को आवाज उठाते रहे और उनकी बेखौफ कलम के सामने सत्ताएं हिल जाती थी। अपनी कलम के जरिये उन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कलम जब भी चली उन्होंने लाखों लोगों की समस्याओं को सरकारों और प्रशासन के सामने रखा और भारतीय लोकतंत्र में लोगों की आस्था को और मजबूत बनाने में योगदान दिया। 
1579339650 whatsapp image 2020 01 18 at 14.22.37 (1)
अश्विनी कुमार के पितामह लाला जगत नारायण नौ सितंबर 1981 को और पिता रमेशचंद्र 12 मई 1984 को देश की एकता और अखंडता के लिये आतंकियों के हाथों शहीद हो गया थेे। लालाजी और रमेश चंद्र जी ने केवल पत्रकारिता के जरिये ही देश की सेवा नहीं की बल्कि उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिये भी संघर्ष किया और कई बार उन्हें जेल में रहना पड़ा। ऐसी महान विभूतियों के परिवार से आने वाले अश्विनी कुमार में देश और देशवासियों के लिये कुछ खास करने का जज्बा कूट-कूट कर भरा था। 
1579339751 9000
11 जून 1956 को जन्में अश्विनी कुमार ने गुरू नानक देव विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि हासिल की और 21 साल की उम्र में ही उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल की। इसके बाद वह अमेरिका के कैलिफोर्निया चले गये और पत्रकारिता में सर्टिफिकेट कोर्स करने के बाद वह भारत लौटे और अपने दादाजी और पिताजी के मागदर्शन में पंजाब केसरी समूह के प्रकाशन और प्रसारण कार्यों को देखने लगे। अश्विनी कुमार ने अपनी योग्यता, दूरदर्शिता और पत्रकारिता की समझ को साबित किया और ग्रुप को आगे ले जाने में बड़ी भूमिका निभाई। 
अश्विनी कुमार एक शानदार क्रिकेटर भी थे
1579339769 whatsapp image 2020 01 18 at 14.22.38 (1)
अश्विनी कुमार एक शानदार क्रिकेटर भी थे और रणजी ट्रॉफी में पंजाब का प्रतिनिधित्व किया और क्रिकेट के विकास में विभिन्न स्तरों पर काम किया।
1579340092 whatsapp image 2020 01 18 at 14.23.45 (1)
 वह ईरानी ट्रॉफी और शेष भारत की टीम के लिये भी खेले। वह भारतीय टीम में पदार्पण करने ही वाले थी कि उन्हें अपरिहार्य कारणों के चलते क्रिकेट छोड़ना पड़ा।
1579340112 whatsapp image 2020 01 18 at 14.23.37
पूर्णकालिक पत्रकारिता में प्रवेश करने से पहले, उन्होंने रणजी ट्रॉफी में पंजाब के लिए क्रिकेट खेला और 1975-76 और 1979-80 के बीच कुल 25 प्रथम श्रेणी मैच खेले। वह एक लेग स्पिनर थे और 1975 से 1977 तक भारतीय टीम के लिए उपयुक्त माने जा रहे थे।  उनका प्रथम श्रेणी का विकेट 1975-76 के ईरानी कप मैच में सुनील गावस्कर का था।
1579340123 whatsapp image 2020 01 18 at 14.23.45
 अश्विनी कुमार समाज के लिये पूरी तरह समर्पित थे और समाज के ​उत्थान, एकता और सामाजिक समरसता के लिये उन्होंने एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन पंचनद की स्थापना की जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिये अपने प्राणों को आहूत करने वाले लाखों अनाम लोगों को सम्मान दिलाना है। उन्होंने ऐसे लोगों की भलाई के लिये भी काम किया जिन्हें स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिये अपनी मातृभूमि को छोड़ना पड़ा। इस उद्देश्य के लिये और ऐसे लोगों की याद में एक स्मारक बनाने के लिये कुरूक्षेत्र के नजदीक 20 एकड़ भूमि भी खरीदी गई और उस पर स्मारक बनाने के लिये योजना पर भी उन्होंने काम किया। 
1579340133 whatsapp image 2020 01 18 at 14.22.38
अश्विनी कुमार इस संगठन के अध्यक्ष रहे और इस दौरान उन्होंने प्रवासी भारतीयों के देश की तरक्की में योगदान को सबके सामने लाने का काम किया और उन्हें देश के लिये काम करने के लिये प्रेरित किया।व्यक्तित्वबर्हिमुखी, बेहद सौम्य और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अश्विनी कुमार की राजनीति में भी बेहद दिलचस्पी थी और वह सामाजिक रूप से भी काफी एक्टिव रहते थे। राजनीति, खेलों और छात्र राजनीति में दिलचस्पी रखने के अलावा वह सामाजिक-आर्थिक विकास के विषयों को लेकर भी जानकारी रखते थे। 
1579340141 whatsapp image 2020 01 18 at 14.22.37 (2)
मुखर पत्रकार रहे अश्विनी कुमार को पढ़ने वाले लोगों की संख्या करोड़ों में है और अपने निर्भीक लेखन से वह काफी लोगों के चहेते थे और तमाम उग्रपंथी ताकतों की तरफ से लगातार धमकियां मिलने के बावजूद उन्होंने अपने लेखन की धार को कम नहीं होने दिया।राजनीतिक करियरअपनी युवावस्था के दिनों से ही उनका झुकाव राजनीति की तरफ था और वह एक संपादक के तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, राजीव गांधी के काफी करीबी रहे तो उनके रिश्ते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनकी बेटी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से भी रहे। 
1579340151 855
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का तो उनसे खास लगाव था और वह उनके साथ काफी समय बिताते थे। उन्हें भाजपा और संघ के बड़े नेताओं का आर्शीवाद मिला जिनमें मोहन भागवत, के एस सुदर्शन, भैय्याजी जोशी, रामलाल, बजरंग लाल आदि शामिल रहे। उनको राजनाथ सिंह और अन्य शीर्ष नेताओं का साथ भी मिला। सुषमा स्वराज, अरूण जेटली जैसे नेताओं के साथ उनके घरेलू संबंध थे। 
1579340198 ezgif.com webp to jpg (10)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता भरी नीतियों से प्रभावित होकर वह उनके समर्थक बन गये और उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के ​लिये सक्रिय राजनीति में उतरने का फैसला किया। 2014 में अश्विनी कुमार ने भाजपा के टिकट पर हरियाणा के करनाल से लोकसभा का चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत कर वह देश की संसद में पहुंचे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।