भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन नाबालिगों का आधार कार्ड बन चुका है वे बालिग होने पर आधार योजना के दायरे से बाहर नहीं रह सकते। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सामने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल आधार योजना और इससे जुड़े 2016 के कानून का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं के सवालों पर यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय के लिखित जवाब का जिक्र कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्कूल के अधिकारी अभिभावकों की मंजूरी से पांच से 15 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का आधार हेतु पंजीकरण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कोई बालक 18 वर्ष का होने पर इस योजना से हट सकता है, शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा कि आधार कानून 2016 में इसकी अनुमति नहीं है।
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