संसद के मानसून सत्र के सातंवे दिन राज्यसभा में रविवार को कृषि बिल पेश किया गया। लोकसभा से पास हुए बिलों को केंद्र राज्यसभा में पास करने की कोशिश में लगी हुई है। राज्यसभा में बिल को पेश करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस बिल से किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा और फसलों के लिए MSP जारी रहेगा।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 राज्यसभा में पेश किए। इस दौरान उन्होंने कहा, ये दो बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगे। किसान देश में कहीं भी अपनी उपज का स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकेंगे। मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये बिल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से संबंधित नहीं हैं।
बिल को पर बोलते हुए कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, इस कठिन समय में कांग्रेस इन बिलों का विरोध करती है। इन बिल को समर्थन देकर हम किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। देश के किसान किसान एपीएमसी और एमएसपी में बदलाव के खिलाफ हैं।
बिल को लेकर कांग्रेस के विरोध पर बीजेपी के सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस पहले ये बताए कि पिछले 60 साल में किसानों की आय नीचे की ओर क्यों गई। कांग्रेस किसानों की बहुत बात करती है, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करती। कांग्रेस के लिए किसान सिर्फ एक वोटबैंक हैं। हमारे लिए किसान समाज का विकास करने वाला है। हम सच्चाई के साथ हैं।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बिल पर बोलते हुए कहा, प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। केंद्र सरकार ने 2022 तक किसान आय दोगुनी करने की बात कही। लेकिन, मौजूदा दरों पर, 2028 से पहले किसान की आय दोगुनी नहीं होगी। वादे करने के लिए आपकी विश्वसनीयता कम है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार के कृषि बिल के विरोध में एनडीए से जुड़े शिरोमणि अकाली दल कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। एनडीए का सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहा है।