कोरोना महामारी के संकट से उभर ने के लिए सरकार खास तौर से एमएसएमई सेक्टर पर ज्यादा जोर दे रही है। सरकार का मानना है कि छोटे और मझोले उद्योगों के विकास से देश की अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौट सकता है। उधर, अग्रणी रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष के दौरान 9.5 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज कर सकती है। इस बीच, केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने रोजगार, विकास और स्थिरता को भारतीय अर्थव्यवस्था का केंद्र, करार देते हुए गुरुवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि के लिए कृषि और छोटे रोजगार पर ध्यान देना होगा।
गडकरी ने ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद के एक कार्यक्रम को वीडियो के जरिये संबोधित करते हुये कहा कि भारत ने कोरोना महामारी के संकट से उभरने की योजना तैयार कर ली है। स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, विकास और स्थिरता इसके आधार हैं। सरकार की नीतियां, कार्यक्रम और योजनाओं के केंद, में ये तीनों तत्व मौजूद हैं।
केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर रोजगार, विकास और स्थिरता पर एक रिपोर्ट भी जारी की। इस मौके पर प्रसिद्ध उद्योगपति जमशेद गोदरेज, डॉ.अनिल काकोडकर और डॉ नौशाद फॉर्ब्स भी उपस्थित थे। गडकरी ने कहा कि उद्योगों को आकांक्षी जिलों में कृषि, ग्रामीण संसाधन और आदिवासी क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए। अर्थव्यवस्था के विकास के लिये ये क्षेत्र महत्वपूर्ण हैं। इन क्षेत्रों पर ध्यान देने से रोजगार के व्यापक अवसर पैदा किये जा सकते हैं और शहरों में भीड़ घटाई जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं।