भिण्ड: मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के गोहद विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की हत्या में आरोपी बनाए गए प्रदेश के सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य के खिलाफ आज भिण्ड जिला न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। लालसिंह आर्य सुनवाई के दौरान भिण्ड न्यायालय के विशेष कोर्ट में पेश नहीं हुए।
मंत्री के खिलाफ निकले 25 हजार रुपए के जमानती वारंट को पुलिस छठवीं बार फिर तामील नहीं करा सकी। पुलिस ने लिखकर दिया है कि लाल सिंह आर्य बंगले पर नहीं मिले, तब न्यायाधीश ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। भिण्ड जिले के गोहद विकास खण्ड के एण्डोरी थाना क्षेत्र के छरेंटा गांव में 13 अप्रैल 2009 को श्री जाटव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विधायक हत्याकांड में पुलिस ने सुरक्षा गार्ड शिवराज सिंह की रिपोर्ट पर आरोपी नारायण शर्मा, शेर सिंह, मेवाराम, सेठी कौरव, गंधर्व सिंह, केदार सिंह, तेजनारायण शर्मा (मृत्यु हो चुकी), रामरूप सिंह गुर्जर को आरोपी बनाया था।
आर्य को भिण्ड न्यायालय ने 10 मई 2017 को पहली बार श्री जाटव की हत्या का आरोपी बनाया था। मृतक विधायक के पुत्र पूर्व विधायक रणवीर जाटव ने आर्य पर हत्या का आरोप लगाया था। भिण्ड की विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ आरोपी आर्य उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ गए तो वहां भिण्ड कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया गया। 19 मई 2017 को उच्च न्यायालय ने कहा कि आर्य को सुनवाई का अवसर दें, फिर नए सिरे से आदेश पारित करें। तब हत्या के आरोपी मंत्री भिण्ड की विशेष अदालत में न आकर उच्चतम न्यायालय चले गए।
24 जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने उनकी याचिका निरस्त कर कहा कि मामला भिण्ड न्यायालय में ही चलेगा। भिण्ड न्यायालय के विशेष न्यायालय ने 24 अगस्त को आर्य को फिर से आरोपी बना दिया। वे फिर स्थगन के लिए ग्वालियर उच्च न्यायालय गए, लेकिन उनकी याचिका निरस्त कर दी गई।
अग्रिम जमानत का आवेदन भी निरस्त हो गया। इधर, न्यायालय के फैसले के बाद भोपाल में जारी बयान में मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राज्यपाल ओ पी कोहली और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपने संवैधानिक उत्तरदायित्व को निभाते हुए आर्य से इस्तीफा लेने की मांग की है।
श्री सिंह ने कहा कि आज जारी गिरफ्तारी वारंट के बाद लाल सिंह आर्य को एक मिनट भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री अदालत के आदेशों का सम्मान करते हुए लाल सिंह आर्य से इस्तीफा लें और उन्हें अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दें। श्री जाटव की अप्रैल 2009 में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अदालत ने लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाया है।