लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि लोगों को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार कार्य योजना बनाकर काम कर रही है। मुख्यमंत्री आज यहां यूनीसेफ और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित होने वाले ‘दस्तक अभियान’ की शुरूआत कर रहे थे। योगी ने कहा कि प्रदेश के 38 जनपद एक्यूट इंसेफ्लाइटिस (एईएस) एवं जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। एईएस, जेई सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर नगर विकास, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा, पशुधन एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके ही इस रोग पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिमागी बुखार से बचने के लिए पूरी तैयारी समयबद्ध ढंग से कर ली जाए। टीकाकरण का कार्य मार्च…अप्रैल 2018 तक अवश्य पूरा कर लिया जाए।
जेई और एईएस वेक्टर जनित रोग हैं, इसलिए इनकी रोकथाम के लिए प्रभावित जनपदों में टीकाकरण के साथ-साथ गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने के अतिरिक्त इसके विरुद्ध लोगों को जागरूक कर अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार की भी आवश्यकता है। इस कार्य के लिए शिक्षण संस्थान एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को भी इससे जोड़े जाने की जरूरत है। योगी ने कहा कि कुपोषण भी इस बीमारी का एक कारण है। इसलिए गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों को पोषाहार एवं जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। इस कार्य में बाल विकास विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं को इन रोगों के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए तथा उनके पोषण की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। स्कूली बच्चों को रोग से बचाव व नियंत्रण के विषय में बताया जाए। कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से ही प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा सका है। इसके दृष्टिगत 617 गांवों में सघन टीकाकरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहे हैं।
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